सुप्रीम कोर्ट का ऑनलाइन RTI पोर्टल लॉन्च
नई दिल्ली, देश की सर्वोच्च अदालत से अब सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त पहले से भी आसान हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने में टेस्टिंग के बाद अब ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल (Online RTI Portal) को लॉन्च कर दिया. इस पोर्टल के जरिए लोग सूचना के अधिकार का इस्तेमाल कर RTI आवेदन दाखिल कर सकेंगे और संस्थान के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे..
कोई भी आम नागरिक सुप्रीम कोर्ट से जानकारी पाने के लिए registry.sci.gov.in/rti_app पोर्टल से आवेदन कर सकता हैं. पोर्टल से जानकारी हासिल करने के लिए आवेदनकर्ता को लॉगिन आईडी बनाने के बाद फॉर्म भरना होगा.
टेस्टिंग के बाद लॉन्च
राइट टू इनफार्मेशन एक्ट, 2005 अधिनियम के तहत देश का कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी डिपार्टमेंट से पूछताछ कर सकता है. इसके माध्यम से हम सरकारी दस्तावेजों की प्रतियां जैसे रिकॉर्ड, डॉक्यूमेंट,रिपोर्ट, सलाह/राय, फाइल नोटिंग प्राप्त कर सकते हैं.
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सर्वोच्च अदालत से लेकर देशभर के हाईकोर्ट में फिलहाल इसकी मजबूती के प्रयास जारी रहे. 13 नवंबर 2019 को दिए एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को भी 'पब्लिक ऑफिस' करार दिया गया. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में आरटीआई का रास्ता साफ हो गया
शपथग्रहण के साथ ही सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल लॉन्च करने की घोषणा की थी. गुरुवार को न्यायालय समय शुरू होने के साथ ही सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने अदालत में अधिवक्ताओं को इस पोर्टल के लॉन्च होने की जानकारी दी.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने अदालत की कार्यवाही शुरू करने से पूर्व कहा— इससे पहले कि हम आज की कार्रवाई शुरू करें. मुझे आपको जानकारी देनी है कि आरटीआई पोर्टल तैयार हो गया है और अगले 15 मिनट में यह शुरू हो जाएगा.
आसान होगी आरटीआई
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही अपने ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल (Online RTI Portal) को लॉन्च करने के लिए टेस्टिंग शुरू की थी. सुप्रीम कोर्ट ने शुरुआत में इसे टेस्ट के तौर पर पोर्टल को एक्टिवेट किया था. शुरुआती जांच के बाद सीजेआई ने अब इसे आम जनता के लिए शुरू करने की हरी झंडी दे दी है.
अब तक सुप्रीम कोर्ट से आरटीआई में कोई दस्तावेज हासिल करना आसान नहीं था. इसके लिए पहले लोगों को पोस्ट ऑफिस के जरिए ही आरटीआई फाइल करनी पड़ती थी.यहां तक लंबे समय बाद भी आरटीआई से दस्तावेज नहीं मिल पाते थे और एप्लीकेशन का स्टेटस जानना भी मुश्किल था
लॉ स्टूडेंट की जनहित याचिका
लॉ स्टूडेंट आकृति अग्रवाल और लक्ष्य पुरोहित ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की. याचिका के जरिए सर्वोच्च अदालत में आरटीआई आवेदन ऑनलाइन दाखिल करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करने की मांग की थी.पिछले हफ्ते समान याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा था कि पोर्टल जल्द ही शुरू किया जाएगा.
सीजेआई के कथन के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में अब इस पोर्टल को शुरू कर दिया गया है. शुरुआत में इसमें कुछ समस्याए आ सकती हैं. इसे लेकर भी सीजेआई चन्द्रचूड़ ने अधिवक्ताओं से सहयोग की अपेक्षा की हैं.
सीजेआई का आह्वान भी
कोर्टरूम में सीजेआई ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पोर्टल को संचालित करते हुए कोई समस्या आती हैं, मुझे खुशी होगी कि आप उसे मुझ तक पहुंचाये और मुझे उसे पूर्ण कराने में ज्यादा अच्छा लगेगा.
देश की सर्वोच्च अदालत से आरटीआई के जरिए दस्तावेज हासिल करने से लेकर कुछ भी जानकारी प्राप्त करना अब आसान होगा. लेकिन ये सुविधा केवल देश के नागरिकों के लिए ही होगी. कोई भी विदेशी व्यक्ति आरटीआई फाइल नहीं कर सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने आरटीआई के लिए अब फीस सामान्य रूप से 10 रूपये ही रखी हैं.
देश की सर्वोच्च अदालत में राइट टू इनफार्मेशन एक्ट, 2005 अधिनियम के प्रावधान को लागू करने के बाद सभी हाईकोर्ट पर भी दबाव बनेगा. देश के कई हाईकोर्ट में अधिनियम के लागू होने के 14 साल बाद भी आरटीआई के नियमों की पालना नहीं की जा रही हैं.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ के इस फैसले के बाद निसंदेह देश में आरटीआई को भी मजबूती मिलेगी.