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आप अर्जी दाखिल करो, मै इसे देखता हॅू...ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वजू करने की इजाजत पर SC 14 अप्रैल को करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस अर्जी में सुप्रीम कोर्ट के 17 मई 2022 और 20 मई 2022 के अंतरिम आदेश का हवाला दिया गया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया था

Written By Nizam Kantaliya | Published : April 8, 2023 5:00 AM IST

नई दिल्ली:वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पवित्र माहे रमजान के दौरान नमाजियों को वजू और शौचालय की इजाजत देने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट 14 अप्रेल को सुनवाई करेगा.

मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर रमजान के दौरान नमाजियों को हो रही परेशानियों को लेकर अनुरोध किया गया है.

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पिछले गुरूवार को ही इस मामले में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी वाराणसी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुजैफा अहमदी ने सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ के समक्ष इस मामले को मेंशन किया था.साथ ही मामले पर शीघ्र सुनवाई का भी अनुरोध किया गया था.

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आप अर्जी दाखिल करो, मै इसे देखता हॅू

मेंशन करने पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 14 अप्रैल की तारीख नियत की है.

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सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष को मामले की सुनवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि वे इस मामले में interlocutory application पेश करे, मैं खुद इस मामले को देखूंगा.

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस अर्जी में सुप्रीम कोर्ट के 17 मई 2022 और 20 मई 2022 के अंतरिम आदेश का हवाला दिया गया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया था

सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा था कि इससे मुस्लिमों के मस्जिद जाने और नमाज पढ़ने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई के आदेश में यह भी कहा था कि जिला मजिस्ट्रेट धार्मिक रीतीरिवाज और वजू की व्यवस्था कराएंगे.

मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर अर्जी में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश पर जहां शिवलिंग मिला है जिसे मुस्लिम पक्ष फव्वारा मानता है, वहां का क्षेत्र सील है.उसके साथ लगा हुआ शौचालय भी सील है.

सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि 20 मई 2022 के आदेश के मुताबिक वजू और शौचालय की व्यवस्था कराई जाए.

हिंदू पक्ष का दावा

गौरतलब है कि इस मामले की शुरूआत हिन्दू पक्ष के वाराणसी की अदालत में मूल वाद दाखिल करने के साथ शुरू हुई थी.

इस वाद में हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद में श्रंगार गौरी, गणेश जी व अन्य देवी देवताओं का मंदिर होने का दावा किया है, इसी मामले में वाराणसी की अदालत के आदेश पर एडवोकेट कमिश्रनर ने सर्वे किया था और सर्वे के दौरान परिसर में शिवलिंग मिला था जिसे कोर्ट ने सुरक्षित रखने का आदेश दे रखा है.

मूल याचिकाओं पर 21 अप्रैल को सुनवाई

11 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग और उसके आसपास की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अपना आदेश अगले आदेश तक बढ़ा दिया था.

इस मामले में मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी का सर्वे कराए जाने और एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है जो कि अभी लंबित है.

हिन्दू पक्ष ने भी इस मामले में एक अर्जी दाखिल कर ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े सारे वाराणसी की अदालत में लंबित दीवानी वाद (मुकदमे) एक साथ संलग्न करने की मांग की है.

सुप्रीम कोर्ट दोनो पक्षों की अर्जियों पर आगामी 21 अप्रैल को सुनवाई करेगा.