भारत की Citizenship पाने के लिए क्या है कानून के तहत प्रावधान? जानें आवेदन प्रक्रिया
नई दिल्ली: हाल ही में पाकिस्तान की सीमा हैदर सरहद पार करके अपने प्यार के पास भारत आ गई हैं। सीमा हैदर पर जांच भी चल रही है क्योंकि यह शक भी लोगों और सरकार के मन में है कि वो कहीं पाकिस्तान की कोई जासूस न हों। बता दें कि इस खबर और तमाम जाँचों के बीच सीमा हैदर ने भारत की नागरिकता हेतु भी आवेदन कर दिया है।
भारत में सिटिजनशिप पाने का क्या तरीका है, इसकी आवेदन प्रक्रिया कैसी होती है और क्या एक विदेशी नागरिक भी देश की नागरिकता के लिए अप्लाइ कर सकता है? इन सवालों के जवाब जानते हैं.
भारत की नागरिकता कैसे मिल सकती है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश की नागरिकता हेतु प्रावधान 'भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955' (The Indian Citizenship Act, 1955) में निहित हैं। इस अधिनियम के तहत देश की नागरिकता पांच तरीकों से पाई जा सकती है..
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- भारतीय नागरिकता अधिनियम की धारा 3 के तहत 'जन्म से' (By Birth) नागरिकता पाई जा सकती है। हर वो शख्स जिसका जन्म भारत में, 26.01.1950 और 1.07.1987 के बीच हुआ है, वो देश का नागरिक माना जाएगा; 1.07.1987 और 2.12.2004 के बीच जिनका जन्म हुआ है, उन्हें तब नागरिकता मिलेगी जब उनकी माता या पिता देश के नागरिक होंगे; जो शख्स 3.12.2004 को या उसके बाद पैदा हुए हैं, उन्हें नागरिकता तब मिलेगी जब उनके माता-पिता दोनों देश के नागरिक होंगे या दोनों में से एक देश के नागरिक और एक इल्लीगल माइग्रेंट नहीं होंगे।
- अधिनियम की धारा 4 के तहत 'वंश' (By Descent) के जरिए देश की नागरिकता मिल सकती है। किसी भी शख्स का जन्म अगर 26 जनवरी, 1950 या उसके बाद और 10 दिसंबर, 1992 से पहले, देश के बाहर हुआ है, तो उसे तब देश का नागरिक माना जाएगा अगर उसके पिता के पास उसके जन्म के समय देश की नागरिकता होगी। 10 दिसंबर, 1992 के बाद जन्मे व्यक्ति की माता या पिता के पास अगर उसके जन्म के समय देश की नागरिकता होगी, तो उसे भी देश का नागरिक समझा जाएगा।
- इस अधिनियम की धारा 5 में बताया गया है कि किस तरह 'पंजीकरण' (By Registration) के जरिए, एक व्यक्ति देश का नागरिक माना जा सकता है। भारतीय मूल का जो व्यक्ति पंजीकरण हेतु आवेदन करने से पहले सात साल तक भारत में रहा हो, भारतीय मूल का व्यक्ति जो सामान्यतः अविभाजित भारत के बाहर किसी देश या स्थान का निवासी है और वो जिसकी शादी एक भारतीय नागरिक से हुई हो और आवेदन से पहले वो सात साल तक देश में रहा हो- इस तरह से नागरिकता के लिए अप्लाइ कर सकता है।
नाबालिग बच्चे जिनके माता-पिता के पास देश की नागरिकता है, एक वयस्क जिसकी माता या पिता देश की नागरिक हैं और वो शख्स जिसका ओसीआई के रूप में पंजीकरण हुआ है, वो भी देश की नागरिकता हेतु आवेदन कर सकते हैं।
- इंडियन सिटिजनशिप एक्ट की धारा 6 में बताया गया है कि 'समीकरण' से (By Naturalisation) किस तरह नागरिकता पाई जा सकती है। इस धारा के अंतर्गत उन विदेशी नागरिकों को नागरिकता मिल सकती है जिनका किरदार अच्छा हो, भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गई भाषाओं में से एक में उसे अच्छी-खासी जानकारी हो या संविधान की तीसरी अनुसूची में दिए गए प्रावधानों से मेल खाता हो। यह विदेशी नागरिक एक 'अवैध प्रवासी' (Illegal Migrant) नहीं होना चाहिए।
- भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7 में बताया गया है कि 'क्षेत्र के समावेश द्वारा नागरिकता' (Citizenship by Incorporation of Territory) कैसे मिलती है। कोई क्षेत्र, जो पहले देश का हिस्सा न हो, केंद्र सरकार के आधिकारिक आदेश के बाद देश का हिस्सा बन जाता है, तो उसके सभी नागरिकों को अपने आप देश की नागरिकता मिल जाती है।
विदेशी नागरिक कैसे करें भारत की नागरिकता हेतु आवेदन?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक विदेशी नागरिक को भारत की नागरिकता 'इंडियन सिटिजनशिप एक्ट की धारा 6' यानी 'समीकरण' से मिल सकती है।
वो विदेशी नागरिक जो भारतीय नागरिकता हेतु आवेदन से पहले 12 साल देश में रहा हो, जिसमें एक साल वो होना चाहिए जो आवेदन तिथि से बिल्कुल पहले पूरा हुआ हो, उसे देश की नागरिकता मिल सकती है। इस विदेशी नागरिक को इस अधिनियम की तीसरी अनुसूची में दी योग्यताओं को भी पूरा करना होगा।
- आवेदन के लिए सबसे पहले आपको एमएचए की वेबसाईट (indiancitizenshiponline.nic.in) पर जाना होगा।
- समीकरण के माध्यम से नागरिकता हेतु आवेदन करने वालों को 'फॉर्म VIII, धारा 6(1)' (Form VIII, Section 6(1)) भरना होगा।
- फॉर्म भरते समय आपको जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वो हैं वैध विदेशी पासपोर्ट, आवासीय अनुज्ञापत्र (Residential Permit) और एसबीआई को डिपॉजिट किये गए 1,500 रुपये के बैंक चालान (Bank Challan) की एक कॉपी।
- इसके अलावा आपको एक खुद का साइन किया हुआ और दो भारतीयों द्वारा साइन किये एफिडेविट जो आवेदक के किरदार की गवाही दें, साथ ही दो लैंग्वेज सर्टिफिकेट होने चाहिए जो इस बात का सबूत होंगे कि संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गई भाषाओं में से किसी एक में आवेदक को अच्छा ज्ञान है।
- ऐसे दो अलग-अलग तिथि या अलग अखबारों की कटिंग जो उस जिले में चलते हों जहां आवेदक रहता है; ये कटिंग आवेदन फॉर्म में शामिल उस भाषा में हों जिसमें आवेदक का नागरिकता हेतु आवेदन का इरादा है।
- फॉर्म सबमिट करने के बाद 'एमएचए फाइल नंबर' को संभालकर रखें जिससे ऑनलाइन आवेदन फॉर्म को प्रिन्ट किया जा सके और उसे स्टेटस ट्रैकिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सके।
- अपनी हाल की पासपोर्ट साइज फोटो को आपको फॉर्म में चिपकाना होगा और इसे न स्टेपल किया जाएगा और न ही इसपर कोई हस्ताक्षर होंगे।
- अपने जिले के कलेक्टर/डीसी/डीएम ऑफिस में आपको अपने फॉर्म की हार्ड कॉपी सबमिट करनी होगी.
- अब आपकी एप्लिकेशन राज्य सरकार द्वारा गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी और जब वो इसे स्वीकार कर लेंगे, आपको भारत की नागरिकता मिल जाएगी।