वायरल किए आपत्तिजनक फोटो या वीडियो तो होगी जेल, लगेगा इतने लाख का जुर्माना
नई दिल्ली, सोशल मीडिया ने पुरी दुनिया ने एक छोटे से मोबाइल में लाकर समेट दिया है. पिछले कुछ वर्षो में सोशल मीडिया के उपयोग में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है और दुनिया भर के करोड़ों लोगों को एक साथ जोड़ दिया है.
वर्तमान में सोशल मीडिया ने निसंदेह इंसान के जीवन सुविधा को विकसित करने में मदद कर रहा है लेकिन इसके लिए एक बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ रही हैं. दुनियाभर में सोशल मीडिया द्वारा लोगों की छवि को प्रभावित करने के लिए दुरुपयोग की शिकायत असंख्य रूप से बढी है.
हटा सकते है वीडियो
लोग फेक (Fake) आईडी बनाकर अन्य व्यक्तियों की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया (social media) पर वायरल करते हैं, यहीं कारण है सोशल मीडिया पर लड़कियों-महिलाओं के अश्लील व आपत्तिजनक वीडियो—फोटो ऑनलाइन वायरल करने के मामले धीरे-धीरे बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसी स्तिथि में ज़्यादातर लोग घबरा जाते हैं और कुछ मामलों में तो लोग आत्महत्या करने जैसे गंभीर कदम तक उठा लेते हैं.
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वीडियो लीक होने पर बहुत ही सरल तरीके से इन अश्लील व आपत्तिजनक वीडियो या फोटो को ऑनलाइन वेबसाइट (Online Website) और सोशल मीडिया से डिलीट करवाया जा सकता हैं. आज हम आपको बताते हैं कि वीडियो या फोटो होने पर आप कैसे इन्हें डिलीट करवा सकते है.
शिकायत कहाँ करें?
अपने करीब पुलिस थाने में इसकी लिखित शिकायत दे. कई राज्यों में अब पुलिस विभाग में अलग से साईबर सेल बनाए गए है आपके द्वारा शिकायत करने के तुरंत ही उस पर एक्शन लेते है.कई मामलो में इसमें देरी हो सकती है, ज़्यादातर प्रदेश सरकारों द्वारा, स्पेशल साइबर सेल (Cyber Cell) का गठन किया गया है जो सिर्फ़ ऑनलाइन अपराधों से जुड़े मामलों का संज्ञान लेते हैं.
आप सीधा साइबर सेल ऑफिस जाकर अपना मामला दर्ज़ करवा सकते हैं या फिर ऑनलाइन भी शिकायत दर्ज़ करवा सकते हैं.मामले की गंभीरता पर आप अपने जिले के पुलिस अधीक्षक को भी मदद के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर सकते है.
पहला कदम
किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आपसे जुड़ी कोई गलत जानकारी, फोटो या वीडियो अपलोड हुआ है तो आप तुरंत ही सबसे पहले सीधे उस वेबसाइट के मालिक से संपर्क कर सकते है और उसे उनके वेबसाइट या सोशल मीडिया प्लेटफार्म (Social Media Platform) से आपत्तिजनक वीडियो या फोटो हटाने के लिए कह सकते हैं. आप सोशल मीडिया प्लेटफार्म के शिकायत प्रकोष्ठ को मेल द्वारा अपनी शिकायत कर सकते है.ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, लिंकडेन सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म अब ऐसी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने लगे हैं.
दूसरा कदम
आपकी शिकायत के बावजूद सोशल मीडिया प्लेटफार्म अगर उपयुक्त समय के भीतर आपसे जुड़े वीडियो या फोटो हटाने में विफल रहते हैं तो दूसरे चरण में आप सीधे निकटवर्ती पुलिस थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराए. इस तरह की एफआईआर में अगर आपकी जानकारी वायरल या लीक करने वाले की जानकारी रखते है तो उसके खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराए. अगर आपको सामने वाले की जानकारी नहीं है तो आप अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराए और साथ ही जिस प्लेटफार्म को आपने शिकायत भेजी थी उसके अधिकारियों को भी उसमें विरोधी पक्षकार बना सकते है.
तीसरा कदम
सोशल मीडिया प्लेटफार्म और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी अगर आपसे जुड़ी जानकारी, फोटो या वीडियो नहीं हटाए जा रहे है तो आप अपने जिले में स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय में एक वाद दायर कर एक पक्षीय रोक लगाने का आदेश प्राप्त कर सकते है. इस मामले में आपको एक वकील की मदद की जरूरत होगी.
चौथा कदम
सेशन अदालत में भी अगर आपके मामले की सुनवाई में समय लग रहा हो अथवा आपके खिलाफ वायरल हुई जानकारी बेहद गंभीर है ऐसी स्थिति में आप सीधे सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट का भी रुख कर सकते है. अगर आप महिला या बच्चे है तो आप जिला,राज्य या राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण से भी मदद लेते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते है. हाईकोर्ट आपकी याचिका की गंभीरता पर सुनवाई कर आपसे जुड़ी जानकारी, फोटो—वीडियो के प्रकाशन या प्रसारण पर रोक लगा सकता है. कई मामलो में हाईकोर्ट की विधिक सेवा समिति जरूरतमंद लोगों को निशुल्क वकील भी मुहैया कराते है.
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिका
आपकी बिना सहमति के आपसे जुड़ी जानकारी,वीडियो या फोटो लीक करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले आपके निजता के अपने मौलिक अधिकार का भी उल्लंघन है. ऐसे में आप सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अनुच्छेद 32 के तहत याचिका भी दायर कर सकते है.
आपकी जानकारी को अगर मीडिया द्वारा भी इसे प्रसारित किया जा रहा है तो आप अनुच्छेद 226 के तहत अपने राज्य के हाईकोर्ट के समक्ष भी याचिका दायर कर सकते है.
क्या है सजा का प्रावधान
कोई व्यक्ति अश्लील व आपत्तिजनक वीडियो या फोटो ऑनलाइन लीक करता हैं तो उसे आईटी एक्ट के धारा 67 के तहत 10 साल तक की जेल और 2 लाख तक के जुर्मानें तक की सज़ा मिल सकती है.
जानबूझकर या अनजाने में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और अश्लील वीडियो व फोटो वायरल करने के मामले में आईपीसी की धारा 292, 293 व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67,67 बी के तहत दंडनीय अपराध है.
आईपीसी की धारा 292 के तहत अश्लील सामग्री का प्रसार करने के अपराध पर पहली बार 2 वर्ष की सजा और 2 हजार का जुर्माना और दूसरी बार या उससे अधिक बार करने पर 5 साल की जेल और 5 के जुर्माने की सजा दी जा सकती है.
आईपीसी की धारा 293 के तहत अगर कोई व्यक्ति 20 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को इस तरह के अश्लील सामग्री भेजता है तो उसे पहली बार 3 वर्ष की जेल और 2 हजार के जुर्माना की सजा दी सकती है वही दूसरी बार या उससे अधिक बार पकड़े जाने पर 7 वर्ष की जेल और 5 हजार के जुर्माने की सजा से दण्डित किया जा सकता है.
10 लाख तक का जुर्माना
आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत ऐसे मामलों में जहां अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित या वायरल किया जा रहो हो पहली बार में 3 साल की सजा और 5 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.वही दूसरी बार या उससे अधिक बार में 5 वर्ष की जेल और 10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
(IT Act) की धारा 67 ए के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी महिला/ लड़की का नग्न फोटो या वीडियो प्रकाशित या प्रसारित करता है तो उसे पहली बार में 5 वर्ष की जेल और 10 लाख के जुर्माने की सजा दी जा सकती हैं. वही दूसरी बार या उससे अधिक बार के अपराध पर 7 साल की जेल और 10 लाख के जुर्माने की सजा तक दी जा सकती है.