चाइल्ड पॉर्नोग्राफी: पश्चिम बंगाल की कूच बहार अदालत ने 24 वर्षीय युवक को सुनाई 20 साल की सजा
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के 'कूच बिहार' जिले की एक अदालत ने बाल अश्लीलता (Child Pornography) और यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के मामले में 24-वर्षीय एक युवक को बीस साल की जेल की सजा सुनाई है। मामला क्या था और अदालत ने इस बारे में क्या कहा है, आइए जानते हैं.
आपको बता दें कि यह मामला बाल अश्लीलता और यौन उत्पीड़न का है जिसमें पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिला के मेखलीगंज अपर जिला जज कोर्ट (Mekhliganj Additional Judges' Court) ने आरोपी को 20 साल की जेल की गंभीर सजा सुनाई है।
मेखलीगंज अपर जिला जज कोर्ट के जज हिरण्मय सान्याल ने कुछ दिन पहले ही आरोपी को पॉक्सो अधिनियम (POCSO Act) की धारा 6, सूचन प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act) की धाराएं 66E, 67 और 67B और भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 385, 506 और 509 के तहत सजा सुनाई है।
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जानें क्या था मामला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मामला कुछ साल पुराना है। याचिकाकर्ता महज 16 साल की थी जब आरोपी ने उसकी ड्रिंक में कुछ मिलाया और फिर उसकी न्यूड तस्वीरें खींच ली। इन तस्वीरों के जरिए आरोपी याचिकाकर्ता को दो सालों तक ब्लैकमेल करता रहा जिसके चलते वो उसे इस पूरे समय के दौरान पैसे देती रही।
आदमी ने फिर उन तस्वीरों को याचिकाकर्ता के होने वाले पति के साथ शेयर कर दिया और उसके दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी इन्हें सांझा कर दिया, जिसकी वजह से उनकी शादी टूट गई। याचिकाकर्ता ने नवंबर, 2021 में आत्महत्या करने की भी कोशिश की। इस सबके बाद आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई और अगले ही दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
याचिकाकर्ता के वकील का यह कहना है कि अदालत के समख कई डिजिटल साक्ष्य पेश किये हैं जिनमें फोरेंसिक एविडेंस भी शामिल है कि आरोपी के फोन के सेंट फोल्डर में याचिकाकर्ता की न्यूड फोटोज हैं और उसने इन्हें कई लोगों के साथ शेयर भी किया है।