सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जगन्नाथ राव का निधन, 88 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस ममीदाना जगन्नाथ राव (Justice Mamidana Jagannadha Rao) का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से कानूनी क्षेत्र को अपूर्णीय क्षति हुई है. जस्टिस जगन्नाथ राव ने साल 1960 में एडवोकेट के रूप में अपनी करियर की शुरूआत की और सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में रिटायर हुए थे.
जस्टिस जगन्नाथ राव का शुरूआती करियर
जस्टिस ममिदाना जगन्नाथ राव का जन्म 2 दिसंबर 1935 को हुआ था. 25 जुलाई 1960 को हैदराबाद में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण करके अपने कानूनी करियर की शुरुआत की. उन्होंने 22 साल तक आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय में वकालत की. वह अपने पिता, न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और बाद में अपने पैतृक चाचा न्यायमूर्ति एम. कृष्ण राव के साथ मिलकर काम किया और अपने कार्यकाल के दौरान कानूनी क्षेत्र में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किया.
जस्टिस राव को 29 सितंबर 1982 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया. उन्हें 8 अगस्त 1991 को केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया. जस्टिस राव 21 मार्च 1997 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने और 1 दिसंबर 2000 को सेवानिवृत्त हुए.
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