Advertisement

'कानूनी सहायता के बिना जेल में सड़ रहे कैदी', सुप्रीम कोर्ट जज बीआर गवई ने जताई चिंता

'कानूनी सहायता के बिना जेल में सड़ रहे कैदी', सुप्रीम कोर्ट जज बीआर गवई ने जताई चिंता

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष बने जस्टिस बीआर गवई ने कानूनी सहायता के अभाव में जेल में बंद कैदियों की स्थिति पर नाराजगी जताई है.

Written By Satyam Kumar | Published : November 19, 2024 1:52 PM IST

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बीआर गवई ने 76% विचाराधीन कैदियों की दुर्दशा पर जाहिर की है. चंडीगढ़ विधिक प्राधिकरणों के आयोजनों में जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि कानूनी सहायता के अभाव में कैदी जेल में सड़ रहे हैं और ऐसे तकरीबन 76% मामले विचाराधीन है. उन्हें दोषी नहीं पाया गया है. बता दें कि हाल ही में सीजेआई संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) ने जस्टिस बीआर गवई को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है.

मौका था पंजाब, हरियाणा और यू.टी. चंडीगढ़ के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा आयोजित, हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने में प्राधिकरण का योगदान से जुड़े विषय व्याख्यान का, जिसमें राष्ट्रीय विधिक आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बीआर गवई मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत किए. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि समाज के हाशिए पर लोगों को मजबूत करने को ना केवल विधिक सहायता बल्कि उन्हें अपने कानूनी अधिकारों की वकालत करने के लिए भी सशक्त करना पड़ेगा. जस्टिस बीआर गवई ने भी बताया कि कैसे जेल में बंद कैदियों के अधिकारों की रक्षा और उनके बच्चे के परिवारों की स्थिति पर भी अपनी राय रखी.

Advertisement

जस्टिस गवई ने कहा,

Also Read

More News

"बिना विधिक सहायता के कैदी जेल में सड़ रह रहे हैं. उनके परिवारों की स्थिति चिंताजनक है. उनमें 76% मामले विचाराधीन है, जिनमें कैदियों की सजा पर अभी फैसला नहीं आया है."

अपने वक्तव्य में जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 39ए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समाज के वंचित, हाशिये पर पड़े और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता के अधिकार की गारंटी देता है, तथा उन लोगों के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करता है.

Advertisement

मौके पर ये रहे मौजूद

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस एजी मसीह भी शामिल हुए. वहीं, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख के चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान और हिमाचल प्रदेश के एक्टिंग चीफ जस्टिस भी कार्यक्रम में मौजूद रहें.