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PMLA Case: ' हम इतने कठोर हैं कि आरोपी को डॉक्यूमेंट भी नहीं दे सकते?' सुप्रीम कोर्ट ने ED से पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने ये पाते हुए कि आरोपी को अपनी बात रखने के लिए डॉक्यूमेंट्स का पूरा अधिकार है, लेकिन ये विचार करने के लिए क्या आरोपी को किसी तकनीकी कारण से डॉक्यूमेंट्स देने से मना किया जा सकता है, मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

Written By Satyam Kumar | Published : September 5, 2024 11:05 AM IST

Prevention Of Money Laundering Act: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हम आरोपी को डॉक्यूमेंट्स भी नहीं दे सकते हैं? जवाब में एएसजी एसवी राजू ने कहा कि आरोपी जांच के दौरान केंद्रीय एजेंसी द्वारा जब्त किए गए हर दस्तावेज को प्री-ट्रायल स्टेज में नहीं मांग सकता है. इससे जांच प्रभावित होने की संभावना है. सुप्रीम कोर्ट ने ये पाते हुए कि आरोपी को अपनी बात रखने के लिए डॉक्यूमेंट्स का पूरा अधिकार है, लेकिन ये विचार करने के लिए क्या आरोपी को किसी तकनीकी कारण से डॉक्यूमेंट्स देने से मना किया जा सकता है, अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

कौन-सा डॉक्यूमेंट्स जांच के लिए आवश्यक है? ये कैसे तय होगा: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ, प्री-ट्रायल फेज में आरोपी को जब्त किए डॉक्यूमेंट्स दे सकती है या नहीं, इस पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू से पूछा कि क्या धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) मामले में कोई आरोपी ट्रायल शुरू होने से पहले जमानत के लिए किसी डॉक्यूमेंट्स को दी जा सकती है?

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जवाब में एएसजी राजू ने कहा कि किसी भी आरोपी तब तक कोई डॉक्यूमेंट्स नहीं मांग सकता जब तक कि उसे बहुत जरूरी साबित नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि आरोपी को जांच से जुड़े किसी डॉक्यूमेंट्स को देने से जांच प्रभावित हो सकती है.

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इस पर एसवी राजू ने कहा कि जांच के दौरान जिन डॉक्यूमेंट्स पर भरोसा नहीं किया गया है, उसे आरोपी को दिया जा सकता है. हालांकि, आरोपी को जांच में जब्त किए गए डॉक्यूमेंट्स की मांग करने का अधिकार बेहद सीमित ही है.

सुप्रीम कोर्ट ने गौर किया कि आरोपी को अपनी बात रखने के लिए डॉक्यूमेंट्स रखने का अधिकार है. अदालत ये विचार करते हुए कि क्या आरोपी को तकनीकी आधार पर डॉक्यूमेंट्स देने से मना किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

पूरा मामला क्या है?

मामला साल 2022 का सरला गुप्ता बनाम ED से जुड़ा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट इस बात पर विचार कर रही है कि क्या जांच एजेंसी प्री-ट्रायल स्टेज में आरोपी को जब्त किए डॉक्यूमेंट्स उपलब्ध करा सकती है या नहीं.