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मुस्लिम बहुल इलाके को HC जज ने करार दिया पाकिस्तान, सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी पर लिया स्वत: संज्ञान

मुस्लिम बहुल इलाका (सांकेतिक चित्र)

कर्नाटक हाईकोर्ट में जस्टिस श्रीशानंद की पीठ किराया नियंत्रण अधिनियम से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान गोरी पाल्या (मुस्लिम बहुल) इलाके की तुलना पाकिस्तान से की थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है. मामले की सुनवाई 25 सितंबर को होनी है.

Written By Satyam Kumar | Published : September 20, 2024 3:49 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस के विवादास्पद बयान को स्वत: संज्ञान में लिया है (Supreme Court take Suo Motu Cognizances of Karnataka High Court Justice remarks). सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे इस मामले में दिशानिर्देश जारी करेंगे. बता दें कि ये मामला 28 अगस्त को सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान बेंगलुरू के एक मुस्लिम बहुल इलाके की तुलना पाकिस्तान से की थी.

HC जस्टिस की 'पाकिस्तान' वाली टिप्पणी पर SC ने लिया संज्ञान

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें मीडिया के माध्यम से इस घटना के बारे में जानकारी हुई है, हम जल्द ही इस दिशानिर्देश जारी करेंगे. सीजेआई ने हाईकोर्ट जज को निर्देश देते हुए कि वे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के निर्देशानुसार अपनी रिपोर्ट दो दिन के भीतर इस अदालत के सामने रखे. रिपोर्ट हाईकोर्ट के सेक्रेटरी जनरल द्वारा भेजी जाएगी, अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल इसमें मदद करेंगे.

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मुस्लिम बहुल इलाके को बताया पाकिस्तान

वाक्या 28 अगस्त की सुनवाई से जुड़ा है. कर्नाटक हाईकोर्ट में जस्टिस श्रीशानंद की पीठ किराया नियंत्रण अधिनियम से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी, इस दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस ने कर्नाटक के एक गोरी पाल्या (मुस्लिम बहुल) इलाके की तुलना पाकिस्तान से की थी. जज ने कहा था कि यहां एक ऑटो में दस-दस लोग बैठते हैं. इस जगह कोई कानून लागू नहीं होता. गोरी पाल्या से मैसूर फ्लाईओवर तक का इलाका पाकिस्तान में हैं, यह भारत में है, ऐसा प्रतीत नहीं होता है.

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महिला वकील के जवाब देने पर भी की थी टिप्पणी

जस्टिस श्रीशानंद की एक वीडियो और वायरल है जिसमें वे महिला वकील को पहले जवाब देने को लेकर बुरी तरह टोकते दिखाई पड़ते हैं. ये घटना है कि बहस के दौरान जस्टिस ने पुरूष वकील से एक सवाल किया, जिसका जवाब महिला वकील ने दे दिया. इस पर जस्टिस ने महिला वकील को बुरी तरह फटकार लगाई थी.

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अब जस्टिस के बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है, जिसकी सुनवाई 25 सितंबर को होनी है.