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जस्टिस संजीव खन्ना होंगे भारत के अगले CJI, केन्द्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर जताई सहमति

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ने जस्टिस संजीव खन्ना को अगला CJI बनाने की सिफारिश पर सहमति जताई है.

Written By My Lord Team | Updated : October 25, 2024 12:01 PM IST

केंद्र सरकार ने गुरुवार को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी. केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस संजीव खन्ना को 11 नवंबर 2024 से भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करते हैं.

छह महीने का होगा कार्यकाल

वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. उन्होंने इस महीने की शुरुआत में अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस खन्ना की अनुशंसा की थी. जस्टिस खन्ना देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश होंगे और उनका कार्यकाल लगभग छह महीने का होगा. वह सर्वोच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं. वर्तमान में वह राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के शासी परिषद के सदस्य हैं. सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति से पहले जस्टिस खन्ना जनवरी 2019 तक दिल्ली हाई कोर्ट में जज के तौर पर कार्यरत थे. दिल्ली हाई कोर्ट के जज के तौर पर उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों के अध्यक्ष/प्रभारी जज का पद संभाला.

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DU लॉ सेंटर से पढ़े हैं जस्टिस संजीव खन्ना

मई 1960 में जन्मे जस्टिस खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की डिग्री हासिल की. ​​उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के तौर पर एनरोल किया और मुख्य रूप से दिल्ली हाई कोर्ट में कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून, पर्यावरण कानून, चिकित्सा लापरवाही कानून और कंपनी कानून का अभ्यास किया. आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के तौर पर उनका कार्यकाल लंबा रहा. उन्हें 2004 में दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (सिविल) के तौर पर नियुक्त किया गया. उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में अतिरिक्त लोक अभियोजक और एमिकस क्यूरी (अदालत के मित्र) के तौर पर कई आपराधिक मामलों में पेश होकर बहस भी की.

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