Cash-for-jobs scam: गुवाहाटी हाई कोर्ट ने मुख्य आरोपी पूर्व APSC अध्यक्ष राकेश पॉल को जमानत दी
गुवाहाटी: गुवाहाटी हाई कोर्ट के जस्टिस देवाशीष बरुआ की खंडपीठ ने 24 मार्च को असम लोक सेवा आयोग (APSC) के पूर्व अध्यक्ष राकेश पॉल को जमानत दे दी. पॉल 2013-14 में पैसे मांगकर नौकरी देने के मामले में मुख्य आरोपी हैं.
जून 2021 में, विशेष न्यायाधीश की अदालत ने पॉल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13 (b) और भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत आरोप तय किए गए थे , हालांकि उन्हें शुक्रवार 24 मार्च को ही जमानत मिल गई थी लेकिन उन्हें जेल से रिहा 27 मार्च को किया गया और इस देरी का हवाला कानूनी औपचारिकताएं को बताया गया.
जमानत इस आधार पर दी गई कि वह पहले ही अपराध के लिए कारावास की आधी अवधि काट चुके है, लेकिन जस्टिस बरुआ ने कुछ शर्तों के अधीन पॉल की रिहाई का निर्देश दिया जिसमें उनके पासपोर्ट को सरेंडर करना, विशेष न्यायाधीश की पूर्व सूचना और अनुमति के बिना गुवाहाटी नहीं छोड़ना और मामले के सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करना शामिल है.
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उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि वे चार्जशीट में दिए गए गवाहों से संपर्क न करें और किसी भी गवाह को कोई प्रलोभन, धमकी या वादा न करें नहीं करेंगे जिससे मामले पर असर पड़े.
पॉल के खिलाफ विभिन्न थानों में कैश फॉर जॉब घोटाले के सिलसिले में चार मामले दर्ज हैं और अन्य मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है. मौजूदा मामले में उन पर कृषि विकास अधिकारी के पद पर नौकरी देने के सन्दर्भ में रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था.
पॉल को डिब्रूगढ़ पुलिस ने नवंबर 2016 में गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में है. पॉल के अलावा, असम सिविल और पुलिस सेवा के अधिकारियों सहित 70 से अधिक लोगों को घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. 6 साल जेल में बिताने के बाद पॉल को जमानत पर रिहा किया गया है.