Income Tax भरने वालों के लिए जारी हुए फॉर्म, ऑफलाइन ITR भी भर सकते हैं
आपकी सैलरी अगर 50 लाख रुपये तक है और आप ब्याज या प्रॉपर्टी जैसे दूसरे स्रोतों से भी कमाई करते हैं तो आप फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए ऑफलाइन इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं.
आपकी सैलरी अगर 50 लाख रुपये तक है और आप ब्याज या प्रॉपर्टी जैसे दूसरे स्रोतों से भी कमाई करते हैं तो आप फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए ऑफलाइन इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं.
वित्त मंत्रालय की 10 मई को जारी अधिसूचना के अनुसार, बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान निकालने की सीमा को 10 करोड़ रुपये से घटाकर पांच करोड़ रुपये कर दिया गया है.
इनकम टैक्स एक्ट में ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिसमें आपको डोनेशन पर भी टैक्स छूट मिलती है. यानी कि आप किसी एनजीओ या किसी भी धार्मिक कामों में लगे संगठन को दान दे रहे हैं तो आप इसपर आईटी एक्ट की धारा 80G पर टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं.
टैक्स सिस्टम के अनुसार, Tax Deduction at Source (TDS) यानि स्त्रोत पर कर कटौती, टैक्सेशन (कर-निर्धारण) में बेहद महत्वपूर्ण शब्द है. जिसका सीधा संबंध टैक्सपेयर्स (कर दाताओं) से है. इसके माध्यम से सरकार इनकम टैक्स एकत्रित करती है.
हमारे देश में कानून का शासन है जिसका एक अभिन्न अंग है - निष्पक्षता की आवश्यकता. कर आंकलन के मामलों में यह अनिवार्य है कि कर आंकलन के विभिन्न कारकों के बारे में अपने विवेक का इस्तेमाल कर आंकलन अधिकारी अपने आदेश में ऐसा करने का पर्याप्त प्रमाण दें.
अंसारी की 23 और बेनामी संपत्तियों का पता लगाया गया है. जानकारी के अनुसार गाजीपुर में मिश्रा के नाम दर्ज संपत्ति 0.207 हेक्टेयर है और इसकी कीमत 12 करोड़ रुपये है. रिकॉर्ड खंगालने पर अधिकारियों ने पाया कि मौजा कुपुरपुर में जमीन की रजिस्ट्री 25 नवंबर, 2017 को हुई थी.
जिन कंपनियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 11 के तहत (धर्मार्थ या धार्मिक उद्देश्य वाली प्रॉपर्टी से हुई आय) छूट नहीं मिलती है, उन्हे भी ITR का एक Form भरना होता है.
रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमत बहुत अधिक बढ़ गईं. उनके युद्ध का असर हमारे देश में तेल कंपनियों पर पड़ा.
Income Tax Act Section 80DDB बीमारीयों के खर्च में मिलने वाली टैक्स छूट के बारे में बताता है. इस एक्ट के तहत देश में कुछ निश्चित टैक्सपेयर्स कुछ निश्चित बीमारीयों के इलाज में होने खर्च पर टैक्स छूट मांग सकता है.हालाँकि इसमें कुछ शर्तें भी लागू है. चलिए इन शर्तों पर नजर डालते हैं.
वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान पर्सनल टैक्स पर जानकारी देते हुए कहा कि न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री किया गया है.
वित्त मंत्रालय के द्वारा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE ) को विभिन्न माध्यमों से होने वाली कमाई में लगने वाले Income tax में छूट देने का फैसला लिया है. मंत्रालय के द्वारा बतया गया की बोर्ड को ये छूट साल आयकर अधिनियम ( Income Tax Act ) की धरा 46A के तहत दी गई हैं.
नकली सामान हो या कोई रसीद उसे वैध कभी माना नहीं जाता है और जो लोग इनका इस्तेमाल करते हैं उन्हें कानूनी रूप से माफ भी नहीं किया जा सकता है.
देश का हर वो व्यक्ति जो टैक्स पेयर है टैक्स भरते वक्त ये जरुर सोचता होगा कि काश टैक्स भरना ही ना पड़ता, लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि हमारे देश का एक ऐसा हिस्सा है जो कभी टैक्स भरता ही नहीं है और उनके इस अधिकार की रक्षा देश का संविधान करता है.
जो होम लोन लिया गया है वह केवल आवासीय संपत्ति के लिए होना चाहिए न कि व्यावसायिक संपत्ति के लिए. यानि कि जो घर आप खरीद रहे हैं उसका प्रयोग रहने के लिए करेंगे ना कि व्यवसाय के लिए.
व्यापार चाहें कोई भी करें अगर आपकी योजना अच्छी नहीं तो आपको लाभ से ज्यादा नुकसान सहना पड़ेगा. इसलिए जरुरी है कि आपके पास अपने व्यापार से जुड़ी हर तरह की जानकारी हो. जिसका इस्तेमाल करके अपना व्यापार अच्छे से चला पाएंगे.
कैपिटल गेन फाइनेंशियल ईयर में 1 लाख से कम होना चाहिए. 80C के तहत टैक्स फ्री निवेश में इसे भी रखा गया है. हालांकि, ये बाजार से जुड़ा निवेश है तो रिटर्न अश्योर्ड नहीं होता है. इस योजना में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इसमें आप प्रीमैच्योर विदड्रॉल नहीं कर सकते.
जीएसटी को लागू हुए पांच साल से अधिक समय हो गया है लेकिन अपीलीय न्यायाधिकरण नहीं होने की वजह से जीएसटी के तहत अनसुलझे कानूनी मामले लंबित होते जा रहे हैं.
बेटियों को लेकर अक्सर मां बाप चिंतित रहते हैं, खास करके समाज का वो हिस्सा जिनकी आमदनी कम है और खर्च ज्यादा. ऐसे मां बाप के लिए सरकार ने इस योजना को बनाया है.