Rs 2,000 के नोट जमा करने जा रहें? जानिये Income Tax Act के तहत कैश डिपॉजिट का नियम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी गाइडलाइन में यह बताया गया है कि ग्राहक एक बार में 2,000 के 10 नोट यानी 20,000 रुपये तक जमा कर सकते हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी गाइडलाइन में यह बताया गया है कि ग्राहक एक बार में 2,000 के 10 नोट यानी 20,000 रुपये तक जमा कर सकते हैं.
भारत के संविधान का अपमान करने या फिर उसे जलाने-फाड़ने की कानून में क्या सजा है, आइए विस्तार से जानते हैं .
सिक्का अधिनियम, 2011 की धारा 6 के तहत यह सिक्का तब एक लीगल टेंडर नहीं बन सकता है जब तक सिक्के का अंकित मूल्य उसको बनने में लगे धातु के मूल्य से कम नहीं होना चाहिए.
भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत, वेश्यावृत्ति वास्तव में अवैध नहीं है, लेकिन कुछ गतिविधियां ऐसी हैं जो वेश्यावृत्ति का एक बड़ा हिस्सा है और कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं.
कई बार आपने देखा होगा कि पुलिस ने किसी व्यक्ति को शराब पीते हुए गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया. कई जगह पर शराब सेवन के खिलाफ अभियान भी चलाए जाते हैं.
एक लिखित वादे को शपथ पत्र कहा जाता है जिसके अनुसार कोई व्यक्ति लिखित रूप में किसी काम को करने या न करने का वादा करता है.
कानूनन मजिस्ट्रेट दो प्रकार के होते हैं. एक न्यायिक मजिस्ट्रेट और दूसरा कार्यकारी मजिस्ट्रेट. दोनों को उनके अधिकार और कर्तव्य एक दूसरे से अलग करते हैं.
जब भी कोई अपराध होता है तो उसका कोई ना कोई सबूत जरूर होता है और सबूतों का कानून की दुनिया में बहुत अहमियत है. इसलिए जिस पर जो आरोप लगाता है उसे भी अपने आरोप को सही साबित करने के लिए प्रूफ देना पड़ता है.
हमारे देश में संविधान के तहत कई तरह के अधिकार आम जन को दिए गए हैं. यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति किसी केस का आरोपी है तो उनकी सुरक्षा के लिए भी कई तरह के प्रावधान किए हैं.
फिल्मों में आपने देखा होगा कि पुलिस किसी को अरेस्ट करने के लिए वारंट लेकर आती है. लेकिन सवाल ये उठता है कि वो वारंट कौन जारी करता है.
क्या हमारे देश में दो - दो शादियां करना एक अपराध के श्रेणी में आता है. इसे लेकर अलग- अलग लोग के मन में अलग- अलग धारणाएं बनी हुई हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर बार दो शादियां करना अपराध के श्रेणी में नहीं आता.
यह महत्वपूर्ण आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति मंजिव शुक्ल की खंडपीठ ने आजमगढ़ निवासी सविता देवी की पुनर्विचार अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है.
अगर आपको शक है कि वसीयत में छेड़छाड़ किया गया है या फिर आपको लगता है कि आपको जितना हक मिलना चाहिए उतना नहीं मिला है, तो ऐसे में आप कानून का सहारा ले सकते हैं
हमारे देश में हर मिनट ना जाने कितनी लड़कियां यौन उत्पीड़न जैसे अपराध की शिकार होती रहती है. घर हो या कार्यालय महिलाएं कहीं पर भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं.
कई बार अनुबंध का कोई पक्षकार नियमों का उल्लंघन करता है जिसके कारण दूसरी पार्टी को नुकसान का सामना करना पड़ता है.
संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 को “स्वर्ण त्रिभुज” कहा जाता है. संविधान का दिया गया यह अधिकार बहुत महत्वपूर्ण है. अगर किसी व्यक्ति के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होता है तो वह न्यायालय में कार्यवाही शुरू करवा सकता है.
प्रशासन ने हिंसाग्रस्त इलाकों में सख्ती बढ़ा दी है. राज्य की सुरक्षा के लिए सरकार ने 'शूट एट साइट' आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक अगर इलाके में शरारती तत्व नजर आए तो उन्हें सुरक्षाबल देखते ही गोली मार सकते हैं.
केंद्र सरकार ने 01 जून 2016 से कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) की धारा 408 के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) का गठन किया.