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पत्नी का नपुंसकता का दावा करना 'पति' का अपमान नहीं है? बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा

क्या वैवाहिक विवाद के मामले में पत्नी का अपने पति पर नपुंसक होने का आरोप लगाना, पति के मानहानि के बराबर है? आइये जानते हैं बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसे लेकर क्या फैसला सुनाया है....

Written By Satyam Kumar Published : August 1, 2025 11:54 AM IST

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पति के नपुंसक होने का दावा करना 'मानहानि' है?

क्या पत्नी का अपने पति पर नपुंसक होने का दावा करना अपमानजनक है? क्या वैवाहिक विवाद के मामले में पत्नी का अपने पति पर नपुंसक होने का आरोप लगाना, पति के मानहानि के बराबर है? बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसे से जुड़े मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. आइये जानते हैं इसके बारे में...

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पति ने पत्नी के खिलाफ किया मानहानि का मुकदमा

मानहानि का यह वैवाहिक विवाद से उत्पन्न हुआ है, जिसमें पति ने अपनी पत्नी के नपुंसक होने के दावे को आपत्तिजनक मानते हुए कार्रवाई की मांग की. पति ने दावा किया कि पत्नी ने अपने आवेदनों में कई बार उसके यौन शक्ति के बारे में आपत्तिजनक बातें कही है. ट्रायल कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए थे.

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पत्नी पहुंची बॉम्बे हाई कोर्ट

मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले की जांच करने के आदेश के खिलाफ पत्नी, भाई और उनके पिता ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की.

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वैवाहिक विवाद से जुड़ा मामला

बॉम्बे हाई कोर्ट में यह मामला जस्टिस एसएम मोदक की अगुवाई वाली बेंच के सामने सुनवाई के लिए आई. अदालत ने स्पष्ट कहा कि वैवाहिक विवाद में पत्नी का अपने पति पर नपुंसकता का आरोप लगाना मानहानि के बराबर नहीं है. अदालत ने यह भी कहा कि आईपीसी का सेक्शन 499 के तहत इन विवादों में मानहानि का मुकदमा से छूट दी गई है.

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आईपीसी का सेक्शन 499

आईपीसी का सेक्शन 499 अवमानना के मामले जुड़ा है. इस सेक्शन के तहत किसी व्यक्ति के खिलाफ झूठे या भ्रामक दावा करने को परिभाषित करती है. इसी के तहत पति ने अपनी पत्नी के दावे को झूठा बताते हुए कार्रवाई की मांग की.

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मानहानि मुकदमे से छूट

अदालत ने कहा कि अगर पति-पत्नी के बीच विवाद है तो स्वभाविक है कि पत्नी अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए ऐसे दावे कर सकती है. साथ ही आज तक किसी अदालत ने ऐसा कोई फैसला नहीं सुनाया है, इसलिए यह आईपीसी के सेक्शन 499 के अपवाद 9 के तहत छूट के लिए मान्य है.

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पत्नी को मिली राहत

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पत्नी की याचिका स्वीकार करते हुए सेशन कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है.