सुप्रीम कोर्ट ने मृतक के शरीर के साथ यौन क्रिया करने (Necrophillia)के लिए बलात्कार के आरोपी को बरी करने के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि नेक्रोफीलिया को भारतीय दंड कानून के तहत अपराध नहीं माना जाता है.
Written By Satyam KumarPublished : February 7, 2025 6:38 PM IST
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शव के साथ यौन संबंध बनाना
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट एक व्यक्ति की कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें व्यक्ति को शव के साथ यौन क्रिया करने के आरोपी को बरी कर दिया था.
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सहमति नहीं, इसलिए रेप
कर्नाटक राज्य ने दावा किया गया कि आईपीसी धारा 375(c) के तहत 'शरीर' की परिभाषा में मृत शरीर को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मृत शरीर consent नहीं दे सकता, इसलिए यह यौन उत्पीड़न का मामला है.
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Necrophilia अपराध नहीं!
शीर्ष अदालत ने कहा कि अपराधिक कानून, शव के साथ यौन संबंध (Necrophilia) को रेप नहीं मानती है.
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सुप्रीम कोर्ट
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संसद बनाए कानून
अदालत ने संसद से नेक्रोफिलिया को दंडित करने के लिए कानून बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
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शव के साथ यौन संबंध बनाने की बढ़ रही घटना
अदालत ने कहा कि कई सरकारी और निजी अस्पतालों में, जहां मृत शरीर रखे जाते हैं, वहां के कर्मचारियों द्वारा शवों के साथ यौन संबंध बनाए जाने की घटनाएँ सामने आई है.