'महिला को अवैध पत्नी-वफादार प्रेमिका कहना संविधान का उल्लंघन'
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'महिला को अवैध पत्नी-वफादार प्रेमिका कहना संविधान का उल्लंघन'
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा एक जजमेंट में 'नजायज पत्नी और वफादार प्रेमिका' कहने को संविधान प्रदत गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन बताया है.
Written By Satyam KumarUpdated : February 13, 2025 6:22 PM IST
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वैवाहिक विवाद
वैवाहिक विवाद से जुड़े एक मामले की अपील पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. अपील में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी.
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'नजायज पत्नी और वफादार प्रेमिका'
सुप्रीम कोर्ट, बॉम्बे हाई कोर्ट के जजमेंट में उस वाक्य से आपत्ति जताई, जिसमें एक महिला के लिए 'नजायज पत्नी और वफादार प्रेमिका' का संबोधन किया गया था.
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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट
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गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार
किसी महिला के खिलाफ ऐसे शब्दों का उपयोग संविधान के आदर्शों और मूल्यों के खिलाफ है. अदालत ने आर्टिकल 21 का जिक्र करते हुए कहा कि हर किसी को गरिमापूर्ण जीवन जीने (Right to Live With Dignity) का अधिकार है.
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बॉम्बे हाई कोर्ट
हालांकि, ऐसा करना पति को ही भारी पड़ा, बॉम्बे हाई कोर्ट ने उस पर एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. हाई कोर्ट ने कहा कि उनसे ऐसा जानबूझकर और गुजारा-भत्ता से बचने के लिए किया था.
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हिंदू अधिनियम की धारा 11
इस मामले में दंपत्ति का विवाह हिंदू विवाह अधिनियम को सेक्शन 11 के तहत अवैध ठहराया गया था,
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गुजारा भत्ता पाने का अधिकार
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 25 के तहत, अमान्य विवाह के बाद भी पति या पत्नी को स्थायी भरण-पोषण का अधिकार है.