False Rape Case
झूठे रेप केस और सेक्सुअल हैरेसमेंट की झूठी घटना का आना कोई बड़ी घटना नहीं है, लेकिन
Written By Satyam Kumar Published : March 6, 2025 2:44 PM IST
झूठे रेप केस और सेक्सुअल हैरेसमेंट की झूठी घटना का आना कोई बड़ी घटना नहीं है, लेकिन
एक ही महिला द्वारा आठ पुरूषों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में यौन उत्पीड़न, बलात्कार, झूठा वादा करके के संबंध बनाना आदि आरोप लगाकर केस दर्ज करवाना एक बड़ी घटना है.
चूंकि इन आठ व्यक्तियों में एक सेना के अधिकारी भी आरोपी बने. उन्होंने अपने ऊपर लगे Rape Case को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की,
सैन्य अधिकारी के खिलाफ महिला ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 328 (अपराध करने के इरादे से जहर आदि के माध्यम से चोट पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज कराई थी.
FIR में उसने दावा किया कि वह उससे फेसबुक पर मिली थी. वह नौकरी की तलाश में थी, इसलिए वह सैन्य अधिकारी से मिली. जिस दौरान उसे मिलने के बुलाया और सुनसान जगह ले जाकर उसका यौन शोषण किया.
हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने सैन्य अधिकारी को राहत देने से इंकार करते हुए उनकी याचिका रद्द कर दी.
राहत पाने को लेकर सैन्य अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. उसने शीर्ष अदालत को बताया कि महिला को दो बच्चे है, और अब तक जब भी अदालत ने उसे हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया है, वह हाजिर नहीं हुई
दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह मामला पहले ही खत्म हो जाना चाहिए था,
दिल्ली हाई कोर्ट से नाराजगी व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस बात पर गौर क्यों नहीं किया. उच्च न्यायालय को सीआरपीसी की धारा 482 (या नई भारतीय न्याय संहिता की धारा 528 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करके इस मामले को रद्द कर देना चाहिए था.
सैन्य अधिकारी को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसके खिलाफ मुकदमा रद्द कर दिया.