सहानुभूति के आधार पर नौकरी
आम लोगों को पता होगा कि नौकरी के दौरान अगर गार्जियन की मृत्यु हो जाती है तो सहानुभूति या अनुकंपा के आधार पर सरकार उनकी जगह बेटे या बेटी में किसी एक को नौकरी मिल जाती है.
Written By Satyam Kumar Published : March 10, 2025 3:18 PM IST
आम लोगों को पता होगा कि नौकरी के दौरान अगर गार्जियन की मृत्यु हो जाती है तो सहानुभूति या अनुकंपा के आधार पर सरकार उनकी जगह बेटे या बेटी में किसी एक को नौकरी मिल जाती है.
लेकिन क्या यह नियम शादीशुदा बेटी के मामले में लागू होगी? क्या पिता का देहांत होने के बाद उनकी शादीशुदा बेटी (Married Daughter) को सहानुभूति या अनुकंपा पर नौकरी मिल सकती है? आइये जानते हैं कि राजस्थान हाई कोर्ट ने क्या कहा...
मामले में पिता उत्तर पश्चिम रेलवे के स्थायी कर्मचारी थे, जिनका निधन 24 अगस्त 2019 को हो गया.
रेलवे कर्मचारी के घर की एकमात्र जीवित पुत्री ने कर्मचारी की एकमात्र जीवित सदस्य ने सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति के लिए आवेदन किया था,
जिसे विभाग ने 8 जनवरी 2020 को अस्वीकृत कर दिया. इस फैसले को चुनौती देते हुए बेटी सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी,
CAT ने हीना शेख मामले का हवाला देते हुए मामले को संबंधित विभाग को वापस भेज दिया ताकि उसकी योग्यता के आधार पर सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति पर विचार किया जा सके.
'हीना शेख बनाम राजस्थान राज्य' मामले में अदालत ने स्पष्ट किया था कि विवाहित बेटियां भी सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति की पात्र होती हैं.
राज्य ने इस निर्णय के खिलाफ याचिका दायर करते हुए तर्क किया कि विवाहित बेटियों को सहानुभूतिपूर्ण नियुक्तियों के लिए अयोग्य ठहराया जाना चाहिए.
Rajasthan HC, Police Station, CCTV Camera,
राज्य ने राजस्थान हाई कोर्ट में दावा किया कि बेटी विवाहित है और उसका पति भी काम कर रहा है, इसलिए वह सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति के लिए अयोग्य है.
हलांकि, राजस्थान हाई कोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के आदेश के खिलाफ चुनौती याचिका को खारिज कर दिया है,
जिसमें राज्य को एक विवाहित बेटी को सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति देने का निर्देश दिया गया था.
हाई कोर्ट ने CAT के उस निर्णय को स्वीकार किया, जिसमें कहा गया था कि मृतक कर्मचारी की विवाहित बेटी को सहानुभूतिपूर्ण नियुक्ति का अधिकार है.