Waqf Bill को सदन में लाने की तैयारी
वक्फ संशोधन बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की सहमति मिल गई है. मंजूरी मिलने के बाद केन्द्र इस बिल को बजट सेशन में सदन के पटल पर लाने की तैयारी कर रही है.
Written By Satyam Kumar Published : January 30, 2025 7:51 PM IST
वक्फ संशोधन बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की सहमति मिल गई है. मंजूरी मिलने के बाद केन्द्र इस बिल को बजट सेशन में सदन के पटल पर लाने की तैयारी कर रही है.
ऐसे में हम यह जानना लाजिमी है कि बिल में 14 बिंदुओं पर संशोधन किए गए हैं, ऐसे में इन संशोधनों को जानना लाजिमी है...
संशोधन के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद में दो मुस्लिम महिलाओं को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा.
राज्य वक्फ बोर्डों में अब एक सदस्य मुस्लिम ओबीसी समुदाय से होगा, जिससे इन समुदायों की आवाज को भी सुना जा सकेगा.
वक्फ अलल औलाद (पारिवारिक वक्फ) में महिलाओं के विरासत अधिकारों की सुरक्षा की जाएगी. वकिफ को यह सुनिश्चित करना होगा कि महिला उत्तराधिकारियों को उनका उचित हिस्सा मिले.
राज्य सरकार अघाखानी और बोहरा समुदायों के लिए अलग वक्फ बोर्ड स्थापित कर सकती है, जो उनकी विशिष्ट धार्मिक आवश्यकताओं को मान्यता देता है.
इस विधेयक के अंतर्गत, वक्फ से संबंधित सभी मामलों पर सीमा अधिनियम लागू होगा, जिससे समय पर निपटारा सुनिश्चित होगा.
विधेयक में ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है, जिससे वक्फ संपत्तियों का समुचित प्रबंधन किया जा सकेगा. सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण छह महीने के भीतर केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.
आवश्यकता के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को अब ट्रिब्यूनल के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार होगा.
वक्फ बोर्डों को सभी संपत्तियों का विवरण एक केंद्रीय पोर्टल पर छह महीने के भीतर अपलोड करने के लिए बाध्य करेगी. यदि आवश्यक हो, तो वक्फ ट्रिब्यूनल मामले के आधार पर विस्तार भी दे सकता है.
अगर किसी सरकारी संपत्ति को वक्फ के रूप में दावा किया जाता है, तो राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित एक अधिकारी, जो कलेक्टर से ऊपर का होगा, कानून के अनुसार जांच करेगा। जांच रिपोर्ट के आने तक, ऐसी संपत्तियों को वक्फ के रूप में नहीं माना जाएगा.
वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत, मुस्लिम ट्रस्ट जो वक्फ के समान कार्य करते हैं लेकिन ट्रस्ट कानूनों द्वारा शासित हैं, उन्हें वक्फ अधिनियम से बाहर रखा जाएगा.
वक्फ अलाल औलाद से प्राप्त आय का उपयोग विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के समर्थन के लिए किया जा सकता है.