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ना छोटे कपड़े पहनना और ना ही डांस करना 'अपराध' है, मुकदमा दर्ज करनेवाले दरोगा जी अदालत में उल्टा फंसे

तीस हजारी कोर्ट ने डांस कर पब्लिक प्लेस में अशांति पैदा करने के आरोप में सात महिलाओं को बरी किया है. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि कोई अपराध हुआ था.

Written By Satyam Kumar Published : February 14, 2025 5:49 PM IST

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बार में डांस

हाल ही में दिल्ली की एक जिला कोर्ट ने सात महिलाओं को बार में अश्लील डांस करने और लोगों को परेशान करने के आरोप से बरी कर दिया.

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तीस हजारी कोर्ट

तीस हजारी कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि मामले में कोई अपराध हुआ था.

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छोटे कपड़े पहनना और डांस करना

फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि छोटे कपड़े पहनना और गानों पर डांस करना दंडनीय अपराध नहीं है जब तक कि इससे अन्य लोगों को परेशानी न हो.

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किसी को परेशानी नहीं!

अदालत ने कहा कि पुलिस यह साबित करने में असफल रहा कि डांस से किसी अन्य व्यक्ति को परेशानी हुई थी.

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ड्यूटी वहां कैसे लगी?

मुकदमे के लिए पुलिस अधिकारी को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि वह कोई रोस्टर या डॉक्यूमेंट सबूत के तौर पर पेश नहीं किया कि जिससे पता चले कि वह उस समय उस क्षेत्र में गश्त पर था

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किसी ने शिकायत नहीं की

अदालत ने गवाह के तौर पर अन्य व्यक्ति को शामिल नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मामले में कोई अन्य व्यक्ति नहीं है, जिसने डांस से परेशानी होने का दावा किया.

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बार मैनेजर भी बरी

अदालत ने बार के मैनेजर को भी बरी कर दिया, क्योंकि उन पर सीसीटीवी कैमरों का उचित रखरखाव न करने का आरोप था.