दुकानदार जब ग्राहक को ठगे, खराब समान दे, कीमत बढ़ाकर बेचे, तय कीमत से ज्यादा मांगे तो दुकानदार, मैन्युफैक्चरर्स, डीलर, सर्विस प्रोवाइडर पर Consumer Court या Consumer Forum के तहत कार्यवाही की जा सकती है.
Image Credit: my-lord.inhttps://consumerhelpline.gov.in/ पर जाकर या 1800-11-4000 या 14404 पर कॉल करके या 8130009809 पर SMS करके या National Consumer Helpline ऐप या UMANG ऐप से या कोर्ट में.
Image Credit: my-lord.inसमान खरीदने के दो साल के अंदर, सामान का बिल, डिलीवरी की रसीद, प्रॉपर्टी के रजिस्ट्री के कागजात इत्यादि होने चाहिए. केवल समान खरीदने वाला व्यक्ति ही केस कर सकता है.
Image Credit: my-lord.inवस्तु की कीमत 20 लाख रूपए से कम हो तो जिला उपभोक्ता अदालत, 20 लाख रुपए से अधिक पर एक करोड़ रुपये से कम हो तो राज्य उपभोक्ता आयोग में, 1 करोड़ से अधिक हो तो राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में शिकायत होती है.
Image Credit: my-lord.inशुल्क राशि एक लाख से लेकर एक करोड़ तक के समान के लिए 100 रुपए से लेकर 4 हजार रुपए तक होती है. जो शिकायत दर्ज के समय उपभोक्ता को देना होता है.
Image Credit: my-lord.inशिकायत के लिए पहले क्षेत्र चुनें, कार्यालय का पता करें, मानसिक और आर्थिक नुकसान की जानकारी दें, मुआवजें तौर क्या चाहते हैं.
Image Credit: my-lord.inशिकायत पेपर में आपका नाम, पता, साइन, शिकायत का विषय, विपक्षी पक्ष या पार्टियों के नाम, उत्पाद का विवरण, क्षतिपूर्ति राशि का दावा इत्यादि उल्लेख करना होगा.
Image Credit: my-lord.inमोबाइल फोन, हवाई सेवा या ट्रेन या प्रॉपर्टी जैसे मामले Consumer Grievance में आते हैं, टीवी, रेडियो, रोड बैनर, सोशल मीडिया, आर्टिकल के बीच विज्ञापन के मामले Misleading Advertisement में आते हैं.
Image Credit: my-lord.inE-DAAKHIL के अंतर्गत कोई भी ग्राहक ऑनलाइन या ऑफलाइन अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है और ये उसके बदले में डिजिटल पेमेंट करने की सुविधा देता है.
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