जज को 'नौकरी' से हटाने के स्टेप्स

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 21 Mar, 2025

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से भारी मात्रा में पैसे की बरामदी का मामला उठा है.

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इस घटना के सामने आने के बाद कॉलेजियम ने उनके इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर की मांग की है.

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वहीं, राज्यसभा में उनके खिलाफ महाभियोग को लेकर पत्र लिखा गया है. वहीं अब तक 55 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं. आइये बताते हैं कि जज को उनकी नौकरी से कैसे हटाया जा सकता है..

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सामान्य स्थिति में जज अपने पद से 65 साल की आयु होने पर रिटायर होते हैं. हाई कोर्ट के जज 62 साल की आयु में रिटायर होते हैं. वहीं, दूसरा तरीका है कि जज, प्रेसिडेंट को संबोधित करते हुए अपना इस्तीफा भेजे.

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संविधान की आर्टिकल 124 (4) के अनुसार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति और पद से हटाने की कार्यवाही राष्ट्रपति के आदेश पर की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की इसमें भूमिका अपनी राय या सिफारिश देने की होती है.

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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की इसमें भूमिका अपनी राय या सिफारिश देने की होती है.

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न्यायाधीश को हटाने के लिए प्रस्ताव का समर्थन दोनों सदन की विशेष बहुमत से होना चाहिए.

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विशेष बहुमत का अर्थ है कि सदन की कुल सदस्यता का बहुमत और सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों में से कम से कम दो-तिहाई का बहुमत होना चाहिए.

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संसद के निवेदन के पर राष्ट्रपति 'जज' को हटाने का आदेश जारी कर सकते हैं.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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