इन वजहों से मुस्लिम महिला कानूनी तरीके से दे सकती है तलाक

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 07 Feb, 2023

मुस्लिम महिला

अगर मुस्लिम महिला किसी कारण से अपने पति से अलग होना चाहती हैं तो मुस्लिम विवाह अधिनियम, 1939 के तहत यह संभव है. इस तरह वो कानूनी तरीके से तलाक ले सकती हैं.

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कारावास में रहने से

अगर पत्नी को अपने पति का ठिकाना चार साल से याद नहीं हो, अगर वो दो साल तक भरण-पोषण ना करें, अगर वो 7 साल से कारावास में हो तो तलाक दिया जा सकता है.

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जिम्मेदारी नहीं उठाने पर

अगर 3 साल से जिम्मेदारी को पूरा करने में असफल रहा हो, दो साल के लिए पागल हो या विषाणुजनित यौन रोग से पीड़ित हो तो कानूनी तरीके से तलाक लेकर अलग हो सकते हैं.

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जब पति नपुंसक हो

अगर विवाह के समय आपका पति नपुंसक था और अभी भी नपुंसक है तो आप कानूनी तरीके से तलाक ले सकती हैं.

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निकाह अस्वीकार

अगर 15 वर्ष पर आपका निकाह हुआ हो और आपके 18 वर्ष होने पर वो आपको अपनाने से इंकार कर दें, तब भी आप तलाक ले सकती हैं.

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क्रूरता से पेश आना

अगर पति कोई क्रूरता करता है चाहे वो शारीरीक हो या मानसिक, दोनों अपराध की श्रेणी में आते हैं. इस वजह से भी तलाक लिया जा सकता है.

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एक से ज्यादा पत्नी होना

दूसरी महिला से संबंध होने पर, अनैतिक जीवन जीने के लिए मजबूर करने, पत्नी की संपत्ति को हड़पने पर, पत्नी के धार्मिक पेशे में बाधा डालने पर, ज्यादा पत्नियां होने पर सभी के साथ समान व्यवहार ना करने पर. इन सभी कारण से तलाक दिया जा सकता है.

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