अगर मुस्लिम महिला किसी कारण से अपने पति से अलग होना चाहती हैं तो मुस्लिम विवाह अधिनियम, 1939 के तहत यह संभव है. इस तरह वो कानूनी तरीके से तलाक ले सकती हैं.
Image Credit: my-lord.inअगर पत्नी को अपने पति का ठिकाना चार साल से याद नहीं हो, अगर वो दो साल तक भरण-पोषण ना करें, अगर वो 7 साल से कारावास में हो तो तलाक दिया जा सकता है.
Image Credit: my-lord.inअगर 3 साल से जिम्मेदारी को पूरा करने में असफल रहा हो, दो साल के लिए पागल हो या विषाणुजनित यौन रोग से पीड़ित हो तो कानूनी तरीके से तलाक लेकर अलग हो सकते हैं.
Image Credit: my-lord.inअगर विवाह के समय आपका पति नपुंसक था और अभी भी नपुंसक है तो आप कानूनी तरीके से तलाक ले सकती हैं.
Image Credit: my-lord.inअगर 15 वर्ष पर आपका निकाह हुआ हो और आपके 18 वर्ष होने पर वो आपको अपनाने से इंकार कर दें, तब भी आप तलाक ले सकती हैं.
Image Credit: my-lord.inअगर पति कोई क्रूरता करता है चाहे वो शारीरीक हो या मानसिक, दोनों अपराध की श्रेणी में आते हैं. इस वजह से भी तलाक लिया जा सकता है.
Image Credit: my-lord.inदूसरी महिला से संबंध होने पर, अनैतिक जीवन जीने के लिए मजबूर करने, पत्नी की संपत्ति को हड़पने पर, पत्नी के धार्मिक पेशे में बाधा डालने पर, ज्यादा पत्नियां होने पर सभी के साथ समान व्यवहार ना करने पर. इन सभी कारण से तलाक दिया जा सकता है.
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!