क्या IRCTC (भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम) की वेबसाइट से टिकट खरीद कर उसे दोबारा से पैसे कमाने यानि व्यावसायिक उपयोग के लिए खरीदना और लिए बेचना अपराध है?
Image Credit: my-lord.inअगर हां, तो कैसे? आरोपी पर क्या आरोप लगे और खिलाफ किस कानून के तहत मुकदमा दर्ज होगा?
Image Credit: my-lord.inकेरल हाई कोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला सुनाया है. आइये सभी कानूनी पहलुओं को जानते हैं.
Image Credit: my-lord.inएक महिला ने केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आईआरसीटीसी से बिना अनुमति के ऑनलाइन टिकट बुकिंग कर उसे बेचने को लेकर हुए मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी.
Image Credit: my-lord.inमहिला ने तर्क दिया कि यह आवश्यक नहीं है कि टिकट केवल अपने लिए बुक किए जाएं, बल्कि दूसरों के लिए भी बुक किए जा सकते हैं.
Image Credit: my-lord.inमहिला के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 143 के तहत अपराध दर्ज किया गया था, जो किसी भी व्यक्ति को रेलवे टिकट खरीदने और आपूर्ति करने से रोकता है, सिवाय रेलवे कर्मचारी या अधिकृत एजेंट के.
Image Credit: my-lord.inरेलवे ने कहा कि धारा 143 तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति, जो रेलवे कर्मचारी या अधिकृत एजेंट नहीं है, टिकट खरीदता है और उन्हें व्यवसायिक तौर पर बेचता है.
Image Credit: my-lord.inरेलवे ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने विभिन्न व्यक्तियों के लिए टिकट बुक करने के लिए दो प्रोफाइल का उपयोग किया.
Image Credit: my-lord.inसरकारी वकील ने कहा कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर्सनल यूज के लिए है और कमर्शियल पर्पस के लिए नहीं.
Image Credit: my-lord.inसाथ ही कहा कि वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यूजर्स को वाणिज्यिक पुनर्विक्रय और लाभ के उद्देश्य से टिकट बुक करने की अनुमति नहीं है.
Image Credit: my-lord.inकेरल हाई कोर्ट ने पाया कि आईआरसीटीसी से बुक किए गए ई-टिकटों को वाणिज्यिक उपयोग (Commercial Purpose) के लिए खरीदना और बेचना नियमों का उल्लंघन है.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने कहा कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर दी गई शर्तें केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए हैं और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए नहीं.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने महिला के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दी है.
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!