जबरन समलैंगिक संबंध कानून की नजरों में है अपराध

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 06 Feb, 2023

क्या है अप्राकृतिक यौन संबंध

जब दो समलैंगिक व्यक्तियों के बीच शारीरिक संबंध होता है तो उसे अप्राकृतिक यौन संबंध कहते हैं और समाज में इन्हें lesbian, gay, bisexual, transgender, and questioning समुदाय के नाम से जाना जाता है.

Image Credit: my-lord.in

अप्राकृतिक यौन अपराध

सभी का मानना था कि महिला का संबंध पुरुष से और पुरुष का संबंध महिला से ही हो सकता है, इसलिए पहले सहमति से हो या असहमति से समलैंगिक संबंधों को धारा 377 के तहत अपराध ही माना जाता था.

Image Credit: my-lord.in

सुप्रीम कोर्ट

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने IPC की धारा 377 को चुनौती देते हुए, इससे संबंधित याचिकाओं पर फैसला सुना दिया था, जिसके बाद भारत में समलैंगिक संबंध अपराध नहीं रहा.

Image Credit: my-lord.in

IPC 377

IPC की धारा 377 एकमात्र धारा है जो अप्राकृतिक यौन अपराधों से संबंधित है.

Image Credit: my-lord.in

नया कानून

आपसी सहमति से समलैंगिक संबंध बनाना या वह एनल और ओरल सेक्स भी करते हैं, तो वह भी अब 'परमिसिबल' है और उसे अपराध नहीं माना जाएगा.

Image Credit: my-lord.in

इनको मिलेगी सजा

अगर कोई जबरन समलैंगिक संबंध बनाता है या बच्चों के साथ, पशुओं से यौन संबंध स्थापित करता है तो उसे अपराध ही माना जाएगा.

Image Credit: my-lord.in

सजा का प्रावधान

ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर अपराधी को 10 साल तक की कारावास की सजा दी जा सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

Image Credit: my-lord.in

पढ़ने के लिए धन्यवाद!

Next: अब तक कितने जजों के खिलाफ संसद महाभियोग लाया गया है?

अगली वेब स्टोरी