वकील, बैरिस्टर लॉयर और पब्लिक प्रोसिक्यूटर में कितना होता है अंतर? यहां समझिए

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 23 Feb, 2024

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आपने गौर किया होगा कि कानूनी मामलों में कहीं लॉयर, तो एडवोकेट और कहीं बैरिस्टर शब्द का प्रयोग होता है.

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जैसे- महात्मा गांधी, बी आर अंबेडकर एवं जवाहर लाल नेहरू को बैरिस्टर की उपाधि मिली थी. इन्होंने वकालत की डिग्री इंग्लैंड से ली थी.

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लॉयर के पास लॉ (law) की डिग्री होती है, जो कानून के क्षेत्र में प्रशिक्षित होता है और कानूनी मामलों पर सलाह और सहायता प्रदान करता है.

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लॉयर अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व अदालत में नहीं कर सकतें है. मुवक्किल (Client) का प्रतिनिधित्व करने के लिए बार काऊंसिल की परीक्षा में पास करना होता है.

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BCI की परीक्षा में पास करने पर वह एडवोकेट बनता है. एडवोकेट अपने मुवक्किल का पक्ष किसी भी अदालत में रख सकतें हैं.

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यानी पहले लॉयर बनते हैं और फिर एडवोकेट.

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पब्लिक प्रोसिक्यूटर के पास लॉ की डिग्री, BCI की परीक्षा पास करके एडवोकेट बनने की क्षमता होने पर भी वे राज्य की ओर से पीड़ित का पक्ष रखते हैं.

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पब्लिक प्रोसिक्यूटर को लोक अभियोजक भी कहते हैं. CrPC का सेक्शन 24 के 2 (u) में लोक अभियोजक के बारे में बताया गया है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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