आपने गौर किया होगा कि कानूनी मामलों में कहीं लॉयर, तो एडवोकेट और कहीं बैरिस्टर शब्द का प्रयोग होता है.
Source: my-lord.inजैसे- महात्मा गांधी, बी आर अंबेडकर एवं जवाहर लाल नेहरू को बैरिस्टर की उपाधि मिली थी. इन्होंने वकालत की डिग्री इंग्लैंड से ली थी.
Source: my-lord.inलॉयर के पास लॉ (law) की डिग्री होती है, जो कानून के क्षेत्र में प्रशिक्षित होता है और कानूनी मामलों पर सलाह और सहायता प्रदान करता है.
Source: my-lord.inलॉयर अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व अदालत में नहीं कर सकतें है. मुवक्किल (Client) का प्रतिनिधित्व करने के लिए बार काऊंसिल की परीक्षा में पास करना होता है.
Source: my-lord.inBCI की परीक्षा में पास करने पर वह एडवोकेट बनता है. एडवोकेट अपने मुवक्किल का पक्ष किसी भी अदालत में रख सकतें हैं.
Source: my-lord.inयानी पहले लॉयर बनते हैं और फिर एडवोकेट.
Source: my-lord.inपब्लिक प्रोसिक्यूटर के पास लॉ की डिग्री, BCI की परीक्षा पास करके एडवोकेट बनने की क्षमता होने पर भी वे राज्य की ओर से पीड़ित का पक्ष रखते हैं.
Source: my-lord.inपब्लिक प्रोसिक्यूटर को लोक अभियोजक भी कहते हैं. CrPC का सेक्शन 24 के 2 (u) में लोक अभियोजक के बारे में बताया गया है.
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