धार्मिक स्थल या धार्मिक संवेदनशीलता को चोट पहुंचाना कानूनी अपराध है

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 08 Feb, 2023

धार्मिक स्थल

भारत में विभिन्न धर्म, जाति के लोग हैं और हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए. लेकिन कुछ उपद्रवी हैं जो जानबूझकर दूसरे धर्म के पूजा स्थलों को नष्ट या अपवित्र करते हैं, जिनपर भारतीय दंड संहिता के तहत कार्यवाई की जाती है.

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IPC की धारा 295

अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल या वस्तु को नष्ट, नुकसान या अपवित्र करता है तो IPC की धारा 295 के तहत उसपर सख्त कार्यवाई होगी.

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इस आधार पर होगी सजा

धार्मिक वस्तु, जैसे कि मूर्ति, मकबरा या पारसी मंदिरों को जानबूझकर नष्ट करना या अपवित्र करना या मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे आदि को जानबूझकर अपवित्र करना या उन्हें नुकसान पहुंचाने पर.

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जानबूझकर किया गया अपराध

दोष साबित करने के लिए जरूरी है कि आरोपी ने यह सब कुछ जानबूझकर किया हो और उसे अच्छे से पता हो कि उसके ऐसा करने से दूसरे धर्म के लोग अपने धर्म का अपमान समझेंगे.

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सजा का प्रावधान

इस तरह के मामलों में दोषी पाए जाने पर अपराधी को दो साल तक जेल की सजा या जुर्माना या दोनों ही सजा से दंडित किया जा सकता है.

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अपराध की श्रेणी

ऐसे अपराधों में दोषी को बिना वारंट भी गिरफ्तार किया जा सकता है और यह एक गैर-जमानती अपराध है. साथ में ऐसे अपराध में कोई समझौता नहीं होता है.

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