अक्सर सुनने को मिलता है कि लोग कई बार दूसरों कों कड़ी सजा दिलाने के लिए उनके खिलाफ झूठी गवाही देते हैं.
Source: my-lord.inबाद में अदालत के सामने यह क्रॉस-इक्जामिनेशन के दौरान असल सच्चाई सामने आती है, तब उनकी मुश्किलें बढ़ जाती है.
Source: my-lord.inबता दें कि भारतीय न्याय संहिता(BNS) झूठी गवाही देने को अपराध घोषित करता है.
Source: my-lord.inभारतीय न्याय संहिता की धारा 227 सबूतों से छेड़छाड़ करने की व्याख्या करती है,
Source: my-lord.inजिसके अनुसार सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के अपराध में 'झूठी गवाही देने को भी शामिल किया गया है.
Source: my-lord.inवहीं भारतीय न्याय संहिता की धारा 229 में झूठी गवाही देने के अपराध की सजा को बताती है,
Source: my-lord.inअगर कोई व्यक्ति झूठी गवाही देने के अपराध का दोषी पाया जाता है, तो उसे कम-से-कम सात साल जेल की सजा और दस हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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