नाबालिग से दुष्कर्म के अपराध को रोकती है पॉक्सो एक्ट, जानिए कैसे बना ये कानून?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 03 Oct, 2024

नाबालिग बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न

नाबालिग बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में आए दिन सुनने को मिलते हैं. लोग भी दुष्कर्म मामलों में अपराधियों को कठोर सजा देने की मांग करते हैं.

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साल 2012 की घटना

ऐसी ही घटना साल 2012 में हुआ था, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और सरकार तक को हिलाकर रख दिया था.

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बलात्कार के बाद हत्या

घटना दिल्ली की है कि जहां देर रात घर लौट रही छात्रा के साथ बलात्कार कर नृशंस तरीके से हत्या कर दी. इस घटना को लेकर लोगों ने निर्भया नाम दिया.

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निर्भया कांड

निर्भया कांड के बाद ही देश में पॉक्सो अधिनियम बना, जो देश में नाबालिग (18 साल से कम) बच्चों के साथ दुष्कर्म को अपराध बनाती है.

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पॉक्सो एक्ट

पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) का फुल फॉर्म प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट, 2012 है. कानून के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ की जाती है.

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बदली रेप की परिभाषा

इस कानून के अनुसार किसी महिला को गलत तरीके से छूना, छेड़छाड़ करना और अन्य किसी भी तरीके से यौन शोषण को रेप में शामिल कर दिया गया.

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जमानत मिलना मुश्किल

इस कानून के तहत किसी के खिलाफ अगर मुकदमा दर्ज होता है तो उसे जमानत मिलना भी मुश्किल होता है.

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नाबालिग अपराधी

साथ ही इस पॉक्सो कानून बनने के बाद ही 16 साल तक के नाबालिग अपराधियों को बालिग मानकर मुकदमा चलाने का प्रावधान पास हुआ.

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