राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए जजों के लिए फाइव स्टार होटल की व्यवस्था करने पर सुप्रीम कोर्ट जस्टिस दीपंकर दत्ता ने आपत्ति जाहिर की.
Image Credit: my-lord.inराष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के पास इसके लिए पैसे नहीं है जबकि वो जजों को फाइव स्टार होटल में ठहराने का इंतजाम करने में सक्षम है.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस दीपंकर दत्ता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में जज के रूप में सेवा देने के दौरान अपने कार्यकाल को याद किया.
Image Credit: my-lord.inउन्होंने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट में गरीब वादी ने रिट दायर की थी, लेकिन उसके पास घर से अदालत आने-जाने तक के पैसे नहीं थे,
Image Credit: my-lord.inमैने नालसा से जवाब की मांग की, जिसका उद्देश्य ही जरूरतमंद लोगों को मुफ्त कानूनी सेवा प्रदान करना है,
Image Credit: my-lord.inमैंने जवाब तलब की, उस समय नालसा, राज्य विधिक प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा ने तक ने फंड की कमी का दावा करते हुए गरीब वादी की मदद मुहैया कराने में असमर्थता जताई.
Image Credit: my-lord.inऔर आज नालसा के इस भव्य कॉन्फ्रेंस में जजों को फाइव स्टार होटल में ठहराने की व्यवस्था की है जो बिल्कुल ही अलग है.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस दीपंकर दत्ता ने अपने वक्तव्यों से नालसा को अपने कर्तव्यों का ध्यान दिलाया.
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