पुलिस हिरासत में व्यक्ति को थाने में रखा जाता है तो वहीं न्यायिक हिरासत के समय व्यक्ति को जेल में रखा जाता है.
Image Credit: my-lord.inपुलिस हिरासत में लिए गए इंसान को 24 घंटे के भीतर भीतर कोर्ट में पेश करना जरुरी होता है तो वहीं न्यायिक हिरासत की कोई समयावधि नहीं होती है.
Image Credit: my-lord.inजब तक उस मामले की जांच चलती है तब तक उस व्यक्ति को ज्यूडिशियल कस्टडी यानि जेल में रखा जाता है.
Image Credit: my-lord.inपुलिस कस्टडी में इस बात की संभावना भी रहती है कि आरोपी से सच उगलवाने के लिए पुलिस उसे पीट भी सकती है. लेकिन न्यायिक हिरासत में पिटाई नहीं होती है.
Image Credit: my-lord.inपुलिस कस्टडी में संबंधित व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की होती है. तो वहीं ज्यूडिशियल कस्टडी ( न्यायिक हिरासत ) में व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी न्यायाधीश की होती है.
Image Credit: my-lord.inलूट, हत्या या चोरी के मामलों में पुलिस कस्टडी होती है. जबकि अन्य सभी मामलों में जब व्यक्ति कोर्ट की अवहेलना कर रहा हो या उसकी जमानत खारिज कर दी जाती है तो उसे न्यायिक हिरासत में ले लिया जाता है.
Image Credit: my-lord.inहिरासत में लिए गए व्यक्ति को लॉक अप में नहीं डाला जा सकता.
Image Credit: my-lord.inगिरफ्तार करने के बाद उस व्यक्ति को पुलिस लॉक अप में डाल सकती है.
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