कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ गवर्नर जांच के दिए आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है.
Source: my-lord.inहालांकि अदालत ने राज्यपाल के फैसले को PC Act की धारा 17ए के तहत जांच देने के आदेश को बरकरार रखा है. वहीं बीएनएसएस की धारा 218 के तहत मुकदमा चलाने के आदेश पर रोक लगाया है.
Source: my-lord.inराज्यपाल थावरचंद गहलोत ने CM के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (Prevention Of Corruption Act) की धारा 17ए के तहत मुकदमा चलाने के निर्देश दिए हैं.
Source: my-lord.inपीसी एक्ट की धारा 17ए लोक सेवकों के खिलाफ तुच्छ आधार पर मुकदमा चलाने से अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती है.
Source: my-lord.inपीसी एक्ट की धारा 17ए के अनुसार किसी लोक सेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार चलाने के लिए सक्षम प्राधिकारी की इजाजत लेने को अनिवार्य बताती है.
Source: my-lord.inवहीं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 218, लोक सेवक व जज के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही शुरू करने की इजाजत देती है.
Source: my-lord.inबीएनएसएस की धारा 218 ने सीआरपीसी की धारा 197 की जगह ली है, जिसके अनुसार केन्द्र या राज्य को किसी लोक सेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए 120 दिन के अंदर इजाजत देनी होती है.
Source: my-lord.inहाईकोर्ट ने बीएनएसएस की धारा 218 के तहत राज्यपाल के जांच के आदेश को खारिज कर दिया है. हालांकि पीसी एक्ट की धारा 17ए के अनुसार मुकदमा चलाने की इजाजत दी है.
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