देश में तीन अपराधिक कानून लागू हो चुके हैं.
Image Credit: my-lord.inवहीं, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों, न्यायिक अधिकारियों और कानूनी पेशेवरों के लिए आगे बड़ी चुनौतियां हैं
Image Credit: my-lord.inपिछले वर्ष संसद में तीन आपराधिक कानून विधेयकों के पारित होने से नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के साथ कानून के क्षेत्र में विकास की दिशा में ऐसे कदम उठाने की आवश्यकता के बारे में बहसों की एक श्रृंखला शुरू हो गई.
Image Credit: my-lord.inपूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार और कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस तरह से सरकार ने संसद में इन कानूनों को लाने में जल्दबाजी की और जिस तरह से इसे लागू किया, वह लोकतंत्र के लिहाज से सही नहीं है.
Image Credit: my-lord.inफिडेलिगल एडवोकेट्स के एडवोकेट सुमित गहलोत ने इस मुद्दे पर ANI को बताया, 'नए आपराधिक कानूनों के तहत, नागरिक स्वतंत्रता का संभावित उल्लंघन होगा.
Image Credit: my-lord.inवहीं, कानूनी क्षेत्र के लोगों ने इस कानून का समर्थन भी किया है. सीनियर एडवोकेट आदिश सी अग्रवाल ने भी इस कानून का समर्थन किया है.
Image Credit: my-lord.inआदिश सी अग्रवाल ने कहा कि हमें इस औपनिवेशिक कानून से छुटकारा मिला है.
Image Credit: my-lord.inहालांकि, सरकार भी देश भर में कानून को लेकर लोगों प्रशिक्षित कर रहे हैं.
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