लद्दाख को संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल करने की क्यों उठी मांग?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 03 Oct, 2024

सोनम वांगचुक

सोनम वांगचुक लद्दाख से नई दिल्ली पहुंचे हैं. सोनम लगातार लद्दाख को छठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं.

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संविधान की छठवीं अनुसूची

सोनम का कहना है कि लद्दाख की 97% से अधिक की आबादी आदिवासी है, जिसे लेकर इसे संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल कर जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग है.

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जनजातीय अस्मिता

मांग के पीछे लद्दाख की जनजातीय क्षेत्र की आबादी, अस्मिता को संरक्षित करने की मांग है.

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बिना विधानसभा के केन्द्र शासित प्रदेश

साल 2019 में लद्दाख को विधानसभा रहित केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया है.

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आय के स्त्रोत

केन्द्र शासित प्रदेश को केन्द्र से ज्यादा मिलेगी आय. अभी केवल अधिकृत कृषि भूमि और पार्किंग प्लेस ही आय के स्त्रोत है.

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जनजातीय क्षेत्र की मान्यता

अब समाजिक कार्यकर्ता ने मांग की कि लद्दाख को जनजातीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देने के लिए संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए.

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पुर्वोत्तर राज्यों को विशेषाधिकारपुर्वोत्तर राज्यों को विशेषाधिकार

संविधान की छठवीं अनुसूची पुर्वोत्तर राज्यों को विशेषाधिकार देती है. और अब तक पूर्वोत्तर के बाहर के किसी भी राज्य को छठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है.

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पांचवी अनुसूची

देश के बाकी हिस्सों के लिए संविधान की पांचवी अनुसूची का जिक्र है.

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