लोकसभा में 'प्रोटेम स्पीकर' का क्या कार्य होता है?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 21 Jun, 2024

प्रोटेम स्पीकर

'लोकसभा स्पीकर' पद की चर्चे के बीच संसद का पहला सत्र शुरू करने के लिए प्रोटेम स्पीकर का चयन किया गया है.

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महताब भतृहरि

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत कटक के सांसद महताब भतृहरि को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है.

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली मंत्रिमंडल लोकसभा के वरिष्ठ सदस्यों के नामों को सुझाते हैं, जिसके बाद राष्ट्रपति चयनित सदस्य को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाते हैं.

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पीठासीन अधिकारी

प्रोटेम स्पीकर को लोकसभा का पीठासीन अधिकारी भी कहा जाता है. इन्हें लोकसभा की कार्यवाही को सुचारू चलाने की जिम्मेदारी होती है.

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संसद सदस्यों को शपथ

प्रो-टेम एक अस्थाई पद है. फिर भी प्रोटेम स्पीकर, अध्यक्ष के चुनाव तक उनकी सारी जिम्मेदारियां निभाएगा. वे नए सदस्यों को संसद की शपथ भी दिलाएगें.

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लोकसभा स्पीकर

प्रोटेम स्पीकर तब तक कार्य करता है, जब तक कि सदन का नया अध्यक्ष (लोकसभा स्पीकर) नहीं चुना जाता हैं.

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संविधान

संविधान में प्रो-टेम का जिक्र नहीं है. संसदीय कार्य मंत्रालय के कामकाज पर ऑफिशियल हैंडबुक में प्रो-टेम स्पीकर की नियुक्ति और शपथ ग्रहण का जिक्र आता है.

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सबसे वरिष्ठ सदस्य

प्रोटेम स्पीकर, लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य बनाया जाता है. यहां वरिष्ठता का मतलब सदन में सदस्यता से है, न कि सदस्य की उम्र से.

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लोकसभा का गठन

प्रोटेम स्पीकर का पद संसद के ट्रांजिशन को लेकर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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