क्या है IPC की धारा 133 और 134? जाने IPC में सजा का प्रावधान

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 17 Jan, 2023

सैनिक को अपराध के लिए उकसाना भी अपराध है

हमारे देश की जल, थल और नभ तीनों ही सेना पूरे देश की रक्षा करती हैं पर कुछ उपद्रवी इनके साथ भी अपराध करने की कोशिश करते हैं. भारतीय दंड संहिता ( Indian Penal Code) 1860 की धारा 133 और 134 में इस तरह के कई अपराधों और उसके तहत मिलने वाली सजा के बारे में बताया गया है.

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IPC की धारा 133

इस धारा के अनुसार, जो भी भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी द्वारा किसी उच्च पद के अधिकारी को जो अपने पद(Army, Navy, Airforce) पर तैनात है, के खिलाफ कोई भी अपराध करने के लिए उकसाता है, तो ऐसे में पकड़े जाने पर ऐसे किसी भड़काने वाले सैनिक को एक अवधि के लिए सजा मिलती है.

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IPC धारा 133 के तहत सजा के प्रावधान

अगर कोई इस धारा में बताए गए अपराधों के लिए दोषी पाया जाता है तो ऐसा करने वाले को एक अवधि के लिए कारावास की सजा हो सकती है. जिसे तीन साल बढ़ाया भी जा सकता है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है या फिर दोनों ही प्रकार से उसे दंडित किया जाएगा.

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IPC की धारा 134

इस धारा के अनुसार अगर कोई भारत सरकार की सेना (Army, Navy, Air Force) के किसी भी ऑफिसर, सैनिक, को अपने से उच्च अधिकारियों के खिलाफ अपराध करने के लिए भड़काने के बाद कोई अपराध को अंजाम दे देता है तो ऐसे में अपराध करने वाले को सजा का पात्र माना जाता है.

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IPC धारा 134 के तहत सजा का प्रावधान

ऐसे मामलों में पकड़े जाने पर इस धारा के अनुसार अपराधी को एक अवधि के लिए कारावास की सजा हो सकती है. जिसे सात साल बढ़ाया जा सकता है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है या फिर दोनों ही प्रकार से उसे दंडित किया जाएगा.

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Non-negotiable है यह अपराध

इस तरह के अपराध संज्ञेय अपराध (Cognizable offence) में आते हैं. इसमें किसी तरह का कोई समझौता नहीं होता. इस तरह के मामले किसी भी प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट(First class magistrate) द्वारा विचारणीय है.

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