CrPC Section 482 हाईकोर्ट को क्या शक्तियां देती है?

Satyam Kumar

Source: my-lord.in | 20 Jun, 2024

CrPC

दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 482, राज्यों के उच्च न्यायालय को विशेष शक्ति प्रदान करती है.

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न्याय सिंद्धांत

हाईकोर्ट को मिली शक्ति का उद्देश्य न्यायालय की कार्यवाही के दुरूपयोग से बचाना है. साथ ही न्याय सिद्धांत को बनाए रखना है.

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सेक्शन 482

सेक्शन 482, अदालत को विधि में मौन मामलों में पर भी उचित कार्रवाई की शक्ति देती है.

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हाईकोर्ट को विशिष्ट शक्तियां

ललित मोहन मंडल बनाम ध्यानेन्द्र नाथ चटर्जी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा इन परिस्थितियों में शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं;

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FIR रद्द करने को लेकर

FIR को रद्द करने में हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग कर सकती है.

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राजीनामा के बाद मुकदमा

दो पक्षों में राजीनामा होने के बाद चलाई जा रहे मामलों को निरस्त करने में

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बिना आरोप

आरोप तय किए बिना ही अभियुक्त के ऊपर चलाए जा रहे ट्रायल के मामले में

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न्यायालय के समक्ष

न्यायालय के समक्ष अंतिम प्रतिवेदन को निरस्त करने हेतु

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कोर्ट आर्डर

अंतत: सीआरपीसी के सेक्शन 482 हाईकोर्ट को विवेकाधीन तौर पर शक्तियों के प्रयोग की इजाजत देती है.

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