मैरिटल रेप अपराध? BNS की अपवाद सूची से हटाने की मांग तेज

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 18 Oct, 2024

मैरिटल रेप बने अपराध

देश में मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इसलिए भी इसे अपराध घोषित करना जरूरी है.

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मैरिटल रेप को अपवाद से हटाएं

याचिकाकर्ता ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने के लिए कई दावे किए, उनमें से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मैरिटल रेप को अपवाद की सूची से बाहर करने को लेकर है.

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भारतीय न्याय संहिता, 2023

भारतीय न्याय संहिता, 2023 में मैरिटल को अपवाद की सूची में रखा गया है.

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पत्नी की सहमति जरूरी नहीं?

अपवाद रखने का अर्थ अगर पति बिना पत्नी के सहमति के यौन संबंध बनाता है तो ये अपराध नहीं होगा.

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मैरिटल रेप अपवाद

आईपीसी की जगह आए BNS की धारा 63 'बलात्कार' को परिभाषित करती है. वहीं, ये धारा मैरिटल रेप को अपवाद मानती है.

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गरिमापूर्ण जीवन के खिलाफ

मैरिटल रेप को अपवाद से हटाने को लेकर सबसे बड़ा दावा किया गया कि यह समानता, गरिमापूर्ण जीवन के अधिकारों के खिलाफ है.

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आज के दौर में सहीं नहीं

अपराध घोषित करने की मांग को लेकर ये भी कहा गया कि ये प्रावधान बहुत पहले जोड़ा गया था, इसलिए आज की दौर के हिसाब मैरिटल रेप को अपवाद रखना सही नहीं है.

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महिलाओं के बीच भेदभाव

याचिकाकर्ताओं ने ये भी कहा कि मैरिटल रेप को अपराध नहीं मानना विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच भेदभाव करना है.

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