देश में मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इसलिए भी इसे अपराध घोषित करना जरूरी है.
Image Credit: my-lord.inयाचिकाकर्ता ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने के लिए कई दावे किए, उनमें से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मैरिटल रेप को अपवाद की सूची से बाहर करने को लेकर है.
Image Credit: my-lord.inभारतीय न्याय संहिता, 2023 में मैरिटल को अपवाद की सूची में रखा गया है.
Image Credit: my-lord.inअपवाद रखने का अर्थ अगर पति बिना पत्नी के सहमति के यौन संबंध बनाता है तो ये अपराध नहीं होगा.
Image Credit: my-lord.inआईपीसी की जगह आए BNS की धारा 63 'बलात्कार' को परिभाषित करती है. वहीं, ये धारा मैरिटल रेप को अपवाद मानती है.
Image Credit: my-lord.inमैरिटल रेप को अपवाद से हटाने को लेकर सबसे बड़ा दावा किया गया कि यह समानता, गरिमापूर्ण जीवन के अधिकारों के खिलाफ है.
Image Credit: my-lord.inअपराध घोषित करने की मांग को लेकर ये भी कहा गया कि ये प्रावधान बहुत पहले जोड़ा गया था, इसलिए आज की दौर के हिसाब मैरिटल रेप को अपवाद रखना सही नहीं है.
Image Credit: my-lord.inयाचिकाकर्ताओं ने ये भी कहा कि मैरिटल रेप को अपराध नहीं मानना विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच भेदभाव करना है.
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