हमारे देश में रेप अपराध है, लेकिन मैरिटल रेप को अपवाद मानते हुए अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया है.
Image Credit: my-lord.inमैरिटल रेप को अपराध घोषित करने को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में इस मांग से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई हुई.
Image Credit: my-lord.inयाचिकाकर्ताओं ने मैरिटल रेप को अपराध बनाने की मांग करते हुए कहा कि ये मामला जनता बनाम पितृसत्ता की लड़ाई है.
Image Credit: my-lord.inयाचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि पति को जबरन संबंध बनाने की छूट दी जा रही हैं क्योंकि पीड़िता पत्नी है.
Image Credit: my-lord.inअसल में यदि पत्नी संबंध बनाने से इंकार करती है तो इसका साफ मतलब No ही है, और इसी पर रोक लगाने की मांग को लेकर हमअदालत के पास आए हैं.
Image Credit: my-lord.inहमारे पड़ोसी देश नेपाल में भी ये अपराध है, वहां तो ये कानून विवाह की संस्था को अपमानित नहीं करता है.
Image Credit: my-lord.inवहीं केन्द्र ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि पती-पत्नी के बीच बिना रजामंदी के संबंध बनाने को अपराध घोषित करने से विवाह की संस्था अस्थिर होगी.
Image Credit: my-lord.inहालांकि सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवई मंगलवार (22 अक्टूबर) को करेगी.
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