6A: बंग्लादेशी प्रवासियों को मिलेगी भारतीय नागरिकता?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 17 Oct, 2024

असम समझौता

सुप्रीम कोर्ट ने असम समझौते को मान्यता देते हुए नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6A की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है.

Image Credit: my-lord.in

अप्रवासियों को भारतीय नागरिकता

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का अर्थ होगा कि 1 जनवरी 1966 से 25 मार्च 1971 तक बांग्लादेश से आने वाले अप्रवासी भारतीय नागरिकता के लायक है.

Image Credit: my-lord.in

संसद कर सकती है संशोधन

फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि संसद चाहे तो इसे स्थानीय आबादी के हितों की रक्षा के लिए संशोधित भी कर सकती है.

Image Credit: my-lord.in

भारतीय नागरिक

वहीं जस्टिस सूर्यकांत ने अपने फैसले में लिखा कि असम में 1 जनवरी 1966 से पहले प्रवेश करने वाले प्रवासियों को भारतीय नागरिक माना जाता है.

Image Credit: my-lord.in

पात्रता के आधार पर नागरिकता

1 जनवरी 1966 से 25 मार्च 1971 तक बांग्लादेश से आए प्रवासियों को पात्रता के आधार पर भारतीय नागरिकता दी जा सकती है.

Image Credit: my-lord.in

प्रवासियों के निर्वासन की प्रक्रिया

वहीं, 25 मार्च 1971 के बाद असम में प्रवेश करने वाले प्रवासियों को अवैध प्रवासी घोषित किया गया है और इन अवैध प्रवासियों की पहचान कर निर्वासन की प्रक्रिया लागू की जाएगी.

Image Credit: my-lord.in

निगरानी रखने का मामला

वहीं प्रवासियों को बाहर करने के बारे में निगरानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को एक अलग बेंच के पास रखा है.

Image Credit: my-lord.in

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला नागरिकता कानून की धारा 6ए को चुनौती देनेवाली याचिका पर आया है.

Image Credit: my-lord.in

पढ़ने के लिए धन्यवाद!

Next: बच्चे के सामने सेक्स करना भी POCSO के तहत गंभीर अपराध

अगली वेब स्टोरी