सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद की दवाओं के विज्ञापनों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया है.
Image Credit: my-lord.inपतंजलि के विज्ञापन भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी दवाएं कुछ बीमारियों का इलाज कर देंगी जबकि इसका कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है.
Image Credit: my-lord.inन्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इस मामले को सुना है.
Image Credit: my-lord.inपतंजलि के संस्थापकों बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को भ्रामक दावों का प्रचार जारी रखने और अदालत के पिछले आदेशों का उल्लंघन करने के लिए अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरे देश को धोखा दिया है! दो साल से इंतजार कर रहे हैं कि कब औषधि अधिनियम इन विज्ञापनों पर रोक लगाता.
Image Credit: my-lord.inभारतीय चिकित्सा संघ (IMA) की याचिका पर सुनवाई की जिसमें उन्होंने बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पर कोविड-19 टीकाकरण और एलोपैथी चिकित्सा को बदनाम करने का आरोप लगाया है.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में पतंजलि आयुर्वेद को भविष्य में झूठे विज्ञापन प्रकाशित नहीं करने और मीडिया में इस तरह के दावे करने से बचने का निर्देश दिया था.
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