बेटी की मंजूरी के बिना पिता को भी ससुराल वालों से स्त्रीधन मांगने का अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 30 Aug, 2024

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दहेज अधिनियम की धारा 6 को शादी के समय दिए जाने वाले उपहार पर लागू करने से मना किया है.

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दहेज निषेध अधिनियम, 1961

अदालत ने कहा कि शादी के समय दहेज और पारंपरिक उपहार देने से दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 6 के प्रावधान लागू नहीं होते.

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पिता ने मांगा स्त्रीधन

मामले में बेटी की तलाक होने के दो साल बाद पिता ने उसके पिछले ससुराल वालों से स्त्रीधन की मांग करते हुए दहेज रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया था.

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स्त्रीधन पर केवल महिला का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ‘स्त्रीधन’ केवल महिलाओं का है, और उसका इस पर पूर्ण स्वामित्व है.

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ना पिता-ना ही पति

अपने पुराने फैसले को आधार बनाते हुए सु्प्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत ने पुष्टि की कि एक महिला का अपने ‘स्त्रीधन’ पर पूरा अधिकार है और इस पर न तो उसके पति और न ही उसके पिता को उसकी स्पष्ट अनुमति के बिना इस पर कोई अधिकार है.

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ससुराल वाले

अदालत ने पाया कि शिकायतकर्ता की बेटी ने कभी अपने ससुराल वालों को अपना ‘स्त्रीधन’ सौंपा था या उन्होंने इसका दुरुपयोग किया था, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है.

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विवाह के समय उपहार देने पर

अदालत ने कहा कि दहेज निषेध अधिनियम की धारा 6 के तहत दहेज के आरोपों को लेकर अदालत ने कहा कि विवाह के समय उपहार देने का यह अर्थ नहीं है उससे कानूनी विवाद खड़े हो जाएं.

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मामला रद्द करने का आदेश

अदालत ने अपील को स्वीकार करते हुए मामले से जुड़ी प्राथमिकी को रद्द करने के निर्देश दिए हैं.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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