हाल ही में सुप्रीम कोर्ट प्लेसेस ऑफ वार्शिप एक्ट, 1991 को चुनौती देने और उसे बरकरार रखने की मांग से जुड़ी छह याचिकाओं पर सुनवाई की है.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए मस्जिदों के नीचे मंदिर होने के दावे से जुड़े नए मुकदमों को दर्ज करने से इंकार कर दिया है.
Image Credit: my-lord.inयाचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कानून हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय को अपने उन पवित्र स्थलों पर दावा करने से रोकता है, जिनकी जगह पर जबरन मस्जिद, दरगाह या चर्च बना दिए गए थे.
Image Credit: my-lord.inअब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे प्लेसेस ऑफ वार्शिप एक्ट, 1991 अधिनियम की धारा 3 और 4 की सीमाओं और विस्तार के संबंध में कई महत्वपूर्ण सवालों पर विचार करेगा.
Image Credit: my-lord.inप्लेसेस ऑफ वार्शिप एक्ट की धारा 3, धार्मिक संस्थानों के चरित्र बदलाव पर रोक लगाती हैं.
Image Credit: my-lord.inवहीं अधिनियम की धारा 4, किसी संस्थान के धार्मिक चरित्र के बदलाव में अदालत को सुनवाई करने से रोकती है.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने पहली सुनवाई में केन्द्र सरकार को इस अधिनियम से जुड़ी याचिकाओं पर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा है.
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