सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किये बिना मकानों को ध्वस्त करने को लेकर नाखुशी जताई है.
Image Credit: my-lord.inअदालत की ये नाराजगी एडवोकेट और प्रोफेसर समेत अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई करते वक्त आई, जिनके घर ध्वस्त कर दिए गए थे.
Image Credit: my-lord.inयाचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सरकार ने हमारा मकान 'अतीक अहमद' की संपत्ति समझकर गिरा दी है.
Image Credit: my-lord.inशीर्ष अदालत उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि यह कार्रवाई चौंकाने वाला और गलत संदेश देती है.
Image Credit: my-lord.inयूपी सरकार के एक्शन से आपत्ति जताते हुए कहा कि यह प्रथम दृष्टया, यह कार्रवाई चौंकाने वाली और गलत संदेश भेजती है. यह ऐसी चीज है जिसे ठीक करने की जरूरत है.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने आगे कहा कि आप मकानों को ध्वस्त करने जैसी कठोर कार्रवाई कर रहे हैं... हम जानते हैं कि इस तरह के अति तकनीकी तर्कों से कैसे निपटना है.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने यह भी कहा कि आखिरकार अनुच्छेद 21 और आश्रय का अधिकार जैसी कोई चीज है.
Image Credit: my-lord.inराज्य सरकार ने कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को विध्वंस नोटिस का जवाब देने के लिए उचित समय दिया गया था,
Image Credit: my-lord.inयाचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने यह सोचकर मकान गिरा दिये कि जमीन गैंगस्टर अतीक अहमद की है जो 2023 में मारा गया था.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने मकान गिराने के ‘मनमानेपूर्ण’ मामले पर आपत्ति जताई और कहा कि सरकार को ध्वस्त किए गए ढांचों का पुनर्निर्माण करना होगा.
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