सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी दूसरे अपराध के लिए दूसरी एफआईआर दर्ज की जा सकती है, जबकि उसी अपराध के लिए दूसरी एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक अपराध के लिए दूसरी एफआईआर तभी दर्ज की जाएगी,
Image Credit: my-lord.inजब मामले में जवाबी शिकायतें, केस का अलग दायरा, बड़ी साजिशों का खुलासा, नए तथ्य या अलग-अलग घटनाएं शामिल हैं.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने संबंधित मामले में दूसरी FIR दर्ज करने को लेकर कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं,
Image Credit: my-lord.inदूसरी FIR की अनुमति तब होती है जब आरोप अलग हों या नई जानकारी मिले.
Image Credit: my-lord.inयदि दूसरी FIR पहले की FIR के विपरीत शिकायत प्रस्तुत करती है, तो अनुमति है.
Image Credit: my-lord.inजब जांच या अन्य उपायों से पहले की FIR एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा होने का पता चलता है, तो दूसरी FIR पंजीकरण की अनुमति है.
Image Credit: my-lord.inअलग घटनाओं के लिए FIR दर्ज की जा सकती है, भले ही अपराध समान हों.
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