कर्नाटक के पूर्व डीजीपी की बेटी रान्या राव की मुश्किलें बढ़ चुकी है. एक तरफ जहां उसे कर्नाटक हाई कोर्ट से जमानत देने से इंकार किया है,
Image Credit: my-lord.inदूसरी ओर जांच एजेंसी, उनके खिलाफ COFEPOSA Act लगाने पर विचार कर रही है. यह कानून बेहद कठोर है और आरोपी को एक से दो साल तक पुलिस हिरासत में रखा जा सकता है.
Image Credit: my-lord.inCOFEPOSA Act, तस्करी में शामिल व्यक्तियों और उनके द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों को देखते हुए, और उन क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए जहां तस्करी की गतिविधियाँ बड़े पैमाने पर गुप्त रूप से आयोजित की जाती हैं, ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए लगाई जाती है.
Image Credit: my-lord.inCOFEPOSA Act की धारा 9 के अनुसार, तस्करी से जुड़े मामलों में, किसी व्यक्ति को तीन महीने से अधिक, लेकिन छह महीने से अधिक नहीं, की अवधि के लिए सलाहकार बोर्ड की राय लिए बिना हिरासत में रखा जा सकता है.
Image Credit: my-lord.inयदि सलाहकार बोर्ड रिपोर्ट करता है कि व्यक्ति की हिरासत के पर्याप्त कारण है, तो संबंधित सरकार हिरासत के आदेश की पुष्टि कर सकती है;
Image Credit: my-lord.inयदि नहीं, तो जांच अधिकारियों को आरोपी के हिरासत आदेश रद्द करना होगा और उसे तुरंत रिहा करना होगा.
Image Credit: my-lord.inCOFEPOSA Act की धारा 10 के अनुसार, आरोपी व्यक्ति को साल भर तक हिरासत में रखने का प्रावधान है,
Image Credit: my-lord.inवहीं, तस्करी के अतिसंवेदनशील मामले में आरोपी व्यक्ति को कम-से-कम एक साल तक हिरासत में रख सकती है. जिसे रिकॉर्ड पर रखे सबूतों के अनुसार दो साल तक भी किया जा सकता है.
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