4 जून को नतीजे आने के बाद, नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में 18वीं लोकसभा का गठन होने जा रहा है.
Source: my-lord.in18वीं लोकभा का गठन की शुरूआत करने को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगे.
Source: my-lord.inमुख्य चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति को नवनिर्वाचित मेंबर ऑफ पार्लियामेंट(सांसद) की सूची सौपेंगे. आइये जानते हैं कि लोकसभा के गठन को लेकर संविधान क्या कहता है...
Source: my-lord.inसंविधान का अनुच्छेद 81 लोकसभा के गठन से जुड़ा है.
Source: my-lord.inअनुच्छेद 81 के अनुसार, लोकसभा में अधिकतम सदस्यों की संख्या 550 है.
Source: my-lord.inप्रत्येक राज्य को लोकसभा सीटों में विभाजित किया जाता है, जिन्हें "निर्वाचन क्षेत्र" कहा जाता है. निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है.
Source: my-lord.inलोकसभा के सदस्यों का चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर एकल-मत प्रणाली द्वारा किया जाता है.
Source: my-lord.inलोकसभा के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है. लोकसभा को भंग करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है.
Source: my-lord.inलोकसभा सदस्य बनने के लिए, उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए, उसकी आयु कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए, और उसे मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए.
Source: my-lord.inअनुच्छेद 331 के अनुसार, राष्ट्रपति सदन में एंग्लो-इंडियन सदस्य को मनोनीत कर सकते हैं, अगर राष्ट्रपति को उनका प्रतिनिधित्व अपर्याप्त लगता है.
Source: my-lord.inहालांकि, संविधान के 104वें संशोधन के बाद एंग्लो-इंडियन के लिए तय आरक्षण की व्यवस्था को खारिज कर दी गई है.
Source: my-lord.inअनुच्छेद 81 भारत की लोकसभा के गठन के लिए एक महत्वपूर्ण ढांचा प्रदान करता है.
Source: my-lord.inयह सुनिश्चित करता है कि लोकसभा का प्रतिनिधित्व व्यापक और न्यायसंगत हो, और यह कि सभी नागरिकों की आवाज सुनी जाए.
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