संविधान का अनुच्छेद 21 क्यों खास है?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 05 Jun, 2024

भारतीय संविधान

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21, जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार देता है.

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भाग III

अनुच्छेद 21 भारतीय संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आता है.

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अनुच्छेद 21

अनुच्छेद 21 कहता है कि किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा उसके जीवन और स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा.

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व्याख्या

अदालत अनुच्छेद 21 की व्याख्या करते हुए इसे केवल शारीरिक जीवन का अधिकार से कहीं अधिक व्यापक अधिकार माना है.

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स्वतंत्रता का अधिकार

इसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता, गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार और पर्यावरण का स्वच्छ अधिकार भी शामिल हैं.

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अधिकार

यह अधिकार सभी व्यक्तियों को उपलब्ध है, चाहे उनकी जाति, धर्म, लिंग या राष्ट्रीयता कुछ भी हो. यह अधिकार न केवल नागरिकों को, बल्कि विदेशियों को भी उपलब्ध है.

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राज्य के विरूद्ध

यह अधिकार राज्य और निजी व्यक्तियों के खिलाफ भी लागू होता है.

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कानून के तहत

यदि किसी व्यक्ति को मृत्युदंड की सजा दी जाती है, तो यह अनुच्छेद 21 का उल्लंघन नहीं होगा, क्योंकि यह कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत किया जाता है.

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बुनियादी स्वतंत्रता

अनुच्छेद 21 भारत में एक महत्वपूर्ण अधिकार है जो नागरिकों की बुनियादी स्वतंत्रता और गरिमा की रक्षा करता है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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