भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21, जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार देता है.
Image Credit: my-lord.inअनुच्छेद 21 भारतीय संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आता है.
Image Credit: my-lord.inअनुच्छेद 21 कहता है कि किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा उसके जीवन और स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा.
Image Credit: my-lord.inअदालत अनुच्छेद 21 की व्याख्या करते हुए इसे केवल शारीरिक जीवन का अधिकार से कहीं अधिक व्यापक अधिकार माना है.
Image Credit: my-lord.inइसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता, गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार और पर्यावरण का स्वच्छ अधिकार भी शामिल हैं.
Image Credit: my-lord.inयह अधिकार सभी व्यक्तियों को उपलब्ध है, चाहे उनकी जाति, धर्म, लिंग या राष्ट्रीयता कुछ भी हो. यह अधिकार न केवल नागरिकों को, बल्कि विदेशियों को भी उपलब्ध है.
Image Credit: my-lord.inयह अधिकार राज्य और निजी व्यक्तियों के खिलाफ भी लागू होता है.
Image Credit: my-lord.inयदि किसी व्यक्ति को मृत्युदंड की सजा दी जाती है, तो यह अनुच्छेद 21 का उल्लंघन नहीं होगा, क्योंकि यह कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत किया जाता है.
Image Credit: my-lord.inअनुच्छेद 21 भारत में एक महत्वपूर्ण अधिकार है जो नागरिकों की बुनियादी स्वतंत्रता और गरिमा की रक्षा करता है.
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