Mhow Violence: इतने कठोर प्रवाधान, जानें प्रशासन कब लगती है रासुका?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 13 Mar, 2025

MHOW Violence

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में दो व्यक्तियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है.

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भारत के जीतने के बाद हिंसा

यह कार्रवाई उस महू हिंसा (Mahu Violence) के संदर्भ में की गई है जो ICC चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम की जीत के जश्न के दौरान हुई.

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दो व्यक्ति पर रासुका

आधिकारिक रिपोर्ट के आधार पर, दो व्यक्तियों, सोहेल कुरेशी और एजाज खान, के खिलाफ NSA के तहत आदेश जारी किए गए हैं.

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कब लगाई जाती है RASUKA?

NSA का हिंदी में संक्षेप 'रसुका' है और यहां सवाल उठना लाजिमी है कि रासुका कब लगाई जाती है? और इसमें कितनी कठोर सजा का प्रवाधान है?

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बिना मुकदमे के हिरासत

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) 1980 एक कानून है जो सरकार को बिना मुकदमे के व्यक्तियों को हिरासत में लेने की अनुमति देता है.

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रासुका की धारा 3

रासुका अधिनियम की धारा 3 केंद्र या राज्य सरकारों को किसी व्यक्ति को निरुद्ध करने का अधिकार देती है.

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राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा

रासुका, राज्य सरकार तब लगाती है जब किसी व्यक्ति के कार्यों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो.

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वकील रखने की अनुमति नहीं

हलांकि, मामले में आरोपी व्यक्ति हाई कोर्ट की एडवाइजरी कमेटी के समक्ष अपील कर सकता है, लेकिन उसे वकील रखने की अनुमति नहीं होती है.

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निरूद्ध का उद्देश्य

इसमें निरुद्ध करने का उद्देश्य भारत की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या आवश्यक आपूर्ति को खतरे में डालने से रोकना है.

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12 महीने

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत, निवारक हिरासत 12 महीने तक चलती है, वहीं सरकार जांच करने के लिए इस हिरासत की अवधि को बढ़ा सकती है.

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